UKPSC Assistant Professor recruitment।। अभ्यर्थियों ने फिर उठाई भर्ती हेतु लिखित परीक्षा की मांग

नेट एवं स्लेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बताया कि एपीआई (Academic Performance Index) पर आधारित मेरिट बनाए जाने से उत्तराखण्ड के अधिकांश युवा भर्ती के पहले चरण में ही बाहर हो जाएंगे। इस प्रक्रिया में पी एच डी डिग्री को 25 अंकों का भारी वेटेज दिया गया है, जिससे अन्य अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो रहे हैं।

Har ghar me tiranga laharaye| हर घर में तिरंगा लहराए : लक्ष्मी बिष्ट की कविता

हर घर में तिरंगा लहराए,हर दिल में तिरंगा बस जाए।अपना भारत प्राणों से प्यारा,हर लब यह गीत गुनगुनाए। तीन रंगों की छटा निरालीधरती से गगन तक छा जाए।तिरंगे की विराटता में,सारा जग समा जाए।उस दिव्य भाव को छू लें,जो देश प्रेम की राह दिखाए।हर घर में तिरंगा लहराए,हर दिल में तिरंगा बस जाए। रंग केसरिया … Read more

राष्ट्रध्वज तिरंगे पर प्रो. अरूण की दो कविताएं। Poem on tiranga, poem on independence day,Prof.Nand Kishor Dhaundiyal Arun

राष्ट्रध्वज तिरंगा हमारी आन, बान और शान का प्रतीक है। इस पोस्ट में हम प्रस्तुत कर रहे हैं, सभी देशवासियों के लिए वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. नंद किशोर ढौंडियाल ‘अरूण’ की राष्ट्रध्वज तिरंगे पर लिखित दो विशेष कविताएं….

Har ghar tiranga।। तिंरगा फहराएं मगर इतना ध्यान रहे

tirange par kavita

क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान में की गई मूल व्यवस्था के अनुसार ध्वज संहिता के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति या निजी संस्था को तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं था। 1982 में सबसे पहले प्रसिद्ध उद्योगपति तथा हरियाणा से लोकसभा सांसद नवीन जिंदल ने रायगढ़ में अपनी फैक्ट्री में तिरंगा फहराया। उस समय के स्थानीय कमिश्नर ने ध्वज आचार संहिता के तहत कार्यवाही करते हुए इसे अवैध ठहराया।

UKPSC Assistant Professor recruitment।। अभ्यर्थियों ने की भर्ती हेतु लिखित परीक्षा की मांग

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा की मांग की है। आज देहरादून में आयोजित एक बैठक में नेट एवं सेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा आयोग द्वारा अपनाई जा रही एकेडमिक परफारमेंस इंडेक्स (API) पर आधारित चयन प्रक्रिया का विरोध किया गया।

मंकीपाक्स : लक्षण और बचाव जानिए विस्तार से | Monkeypox symptoms: monkeypox cure | monkeypox virus

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अभी दुनिया कोरोना के कहर से ही निजात नहीं पा सकी है, कि एक नई संक्रामक बीमारी ने भयावह रूप लेना आरंभ कर दिया है। जी हाँ , आजकल मंकीपोक्स ( monkeypox ) नामक नई बीमारी का नाम सामने आ रहा है। यूरोप से शुरू हुई monkeypox virus से फैलने वाली यह बीमारी अब भारत में भी पाँव पसार रही है। समय रहते सजग रहकर सही जानकारी की सहायता से ही हम इससे निजात पा सकते हैं । इस आलेख में हम इसके लक्षणों monkeypox symptoms, बचाव के तरीकों monkeypox cure आदि के बारे में जानेंगे।

monkeypox symptoms ( मंकीपोक्स के लक्षण)

सबसे पहले तो इस घातक बीमारी के लक्षणों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। आमतौर पर इसके लक्षण संक्रमित हो जाने के 5 से 21 दिनों के भीतर नजर आने लगते हैं। शरीर पर मवाद से भरे दाने, तेज बुखार और सिर दर्द, मांसपेशियों में जकड़न और दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, बेहद थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स इसके प्रमुख लक्षण हैं।

कहाँ से आया मंकीपोक्स monkeypox virus

मंकीपॉक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी है। यह वायरस पहली बार 1958 में एक बंदर में पहली बार पाया गया था।किसी इंसान के शरीर में इसके संक्रमण की पुष्टि का मामला 1970 में पहली बार सामने आया था ।यह ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे अधिक मामले सामने आए थे , जिसमें 75% मरीज पुरुष थे।

मंकीपोक्स कैसे फैलता है monkeypox infection

मरीज के घावों से निकले द्रव के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के आंख, नाक और मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है। इसके अतिरिक्त जानवरों के काटने से या उनके खून व शरीर से निकले द्रवों को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार यह बीमारी मरीज से स्किन टु स्किन संपर्क करने से या फिर उसे खाना खिलाने से भी फैलती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।

मंकीपोक्स का कहर

प्रसिद्ध वेबसाईट monkeypoxmeter.com के अनुसार दुनिया में मंकीपॉक्स के लगभग 21 हजार से अधिक मामले भारत सहित दुनिया के 84 से अधिक देशों में अब तक सामने आ चुके हैं। इनमें से यूरोप में सबसे ज्यादा 14000 से अधिक लोग मंकीपोक्स से पीड़ित हुए हैं। वहीं, बीमारी से ग्रस्त प्रमुख 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली और बेल्जियम शामिल हैं। 

भारत में मंकीपोक्स monkeypox in india

हमारे देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में सामने आया था। इसके बाद केरल में ही 18 जुलाई और 22 जुलाई को दूसरे और तीसरे केस की पुष्टि हुई थी। हांलांकि ये तीनों मरीज खाड़ी देशों से लौटकर आए थे। लेकिन इसके बाद 25 जुलाई को दिल्ली में एक चौथे केस की पुष्टि भी हुई, जबकि इस मरीज की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है । खबरों के अनुसार वह मनाली से पार्टी करके लौटा था। इनके अतिरिक्त तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 4 अन्य संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है, जिनकी पुष्टि होनी बाकी है।

मंकीपोक्स से बचाव monkeypox cure

विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO, एवं भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाईडलाइन्स के अनुसार ट्रिपल लेयर मास्क पहनना , हाथों को बार- बार साबुन से अच्छी तरह धुलना, सैनेटाइजर का प्रयोग करना, शारीरिक दूरी बनाकर रखना इससे बचाव में कारगर हैं। मरीज के संपर्क में आए व्यक्ति को 21 दिनों के आईसोलेशन में रखना जरूरी है। मरीज के घावों को पूरी तरह से ढककर रखें और उसे पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में ही रहना होगा। गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

मंकीपोक्स का उपचार monkepox treatment

अभी तक इस बीमारी की कोई भी कारगर वैक्सीन नहीं बनाई गई है। किन्तु विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स पर 85% तक असरकारक है। ज्यादातर देश ऐसी ही वैक्सीन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत सरकार ने भी इसकी वैक्सीन के विकास हेतु टेंडर जारी कर दिए हैं।

उम्मीद है कि जल्द ही इस घातक बीमारी से निपटने के लिए कारगर वैक्सीन खोज ली जाएगी। लेकिन तब तक सावधानी से रहें, तथा बचाव हेतु ऊपर सुझाए गए तरीकों का पालन अवश्य करें। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो जनहित में इसे शेयर अवश्य करें। आप इन लेखों को भी पढ़ सकते है. . लोकतन्त्र का काला सच या जनसेवा की हकीकत ,Jeremy lalrinunga details,gold medal winner, commonwealth game।। 19 साल के भारोत्तोलक ने दिलाया देश को स्वर्ण

बचपन पर एक बेहतरीन कविता…निश्छल बचपन है सम ईश्वर

बचपन जीवन का वह दौर होता है जो मन के किसी कोने में हमेशा छुपा होता है। जीवन को आनदं और सहजता से भर देता है। जीवन में ऊर्जित होकर कोई कार्य सम्पन्न करना हो तो स्वयं के भीतर ईश्वरीय वरदान अर्थात बचपन जिंदा रखे।

” निश्छल बचपन है सम ईश्वर ”

न कोई उलझन यहाँ ,
दिमाग़ों के तार में।
हर मुश्किल के हल यहाँ,
सरल-सहज व्यवहार में।

शरारतें यहाँ कोई साजिश नहीं हैं।
यह तो मासूमियत की चरम स्थिति है।

बुद्धि के खेल में कहाँ तृप्ति है?
नादानियों में भी छुपी जिंदगी है।

झांक कर देखो स्वयं के भीतर,
जिंदा है अभी भी बचपन का मंजर।

Jeremy lalrinunga details,gold medal winner, commonwealth game।। 19 साल के भारोत्तोलक ने दिलाया देश को स्वर्ण

जेरेमी लालरिनुंगा का जन्म 26 अक्टूबर 2002 को मिजोरम के आईजोल में हुआ था। भारत के सबसे होनहार युवा खिलाड़ियों में शामिल .जेरेमी के पिता का नाम (Jeremy Lalrinnunga Family) लालमैथुआवा लालरिनुंगा और माता का नाम लालमुनपई रालते (lalmuanpuii ralte) है। जेरेमी के पिता स्वयं भी एक पूर्व मुक्केबाज हैं.