विश्व ऑटिज्म दिवस पर जागरूकता के लिए एससीईआरटी उत्तराखंड ने की पहल

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) उत्तराखंड द्वारा ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व ऑटिज्म दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों को समझने और उनके परामर्श और समर्थन  के महत्व को समझकर उनके लिए समावेशी वातावरण का निर्माण करना इस कार्यक्रम … Read more

अब यहां से लें शुद्ध जैविक उत्पाद,देहरादून में खुली जैविक उत्पाद मंडी

(#organicproductdehradun #startupindia #organicfood) अब आप देहरादून में भी पूरे उत्तराखंड के पहाड़ों और दूर दराज के गांवों में उत्पादित शुद्ध एवं प्राकृतिक जैविक उत्पादों को प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए देहरादून के ननूरखेड़ा में आज जैविक उत्पादन मंडी का विधिवत शुभारंभ कर दिया गया है। ग्राम विकास गतिविधि के प्रयासों से आज देहरादून के … Read more

सर्दी के मौसम में स्वस्थ रहने के लिए करें ये काम, बच्चों को दी जानकारी

राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत आज प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड द्वारा आयुर्विद्या कार्यक्रम के तहत एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में राजकीय होम्योपैथी जिला चिकित्सालय देहरादून के डॉ० सोहन सिंह बुटोला, फार्मासिस्ट प्रवेश उनियाल, एम पी डब्ल्यू घनश्याम की टीम के द्वारा विद्यालय के छात्र-छात्राओं की … Read more

फास्ट फूड छोड़ हेल्दी फूड का सेवन करें बच्चे..

फास्ट फूड और जंक फूड का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है कुपोषण और बीमारियों से बचने के लिए बच्चों को स्वास्थ्य वर्धक और संतुलित भोजन करने की आवश्यकता है। यह बात राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़, देहरादून में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करते समय टीम प्रभारी डा.सरिता राणा ने कही। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम … Read more

नौ सितम्बर को आयोजित होगी हाईजीन ओलिम्पियाड परीक्षा,अमिताभ बच्चन देंगे बच्चों को पुरस्कार…

उत्तराखण्ड के देहरादून और हरिद्वार जनपदों में प्लान इंडिया एवं रैकिट (डिटॉल) के सहयोग से बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम के अर्न्तगत स्कूलों में पढने वाले कक्षा 1 से 8 वीं कक्षा तक के छात्र- छात्रों हेतु आगामी 09 सितम्बर 2023 को हाईजीन ओलिम्पियाड सीजन 2.0 का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम उत्तराखण्ड राज्य … Read more

टिहरी की बेटी स्वाति ने लहराया उत्तराखंड का परचम मिसेज इंडिया इंक प्रतियोगिता के टॉप 25 में बनाई जगह

देवभूमि उत्तराखंड के जनपद टिहरी गढ़वाल के सुदूर गांव पाली की बेटी स्वाति सुयाल। देवभूमि उत्तराखंड की बेटी स्वाति सुयाल यादव ने बुधवार को श्रीलंका में संपन्न हुए मिसेज इंडिया इंक प्रतियोगिता के टॉप 25 में जगह बनाकर देवभूमि का नाम रोशन किया है।

प्लान इंडिया ने किया इस विद्यालय में उपलब्ध कराई हाईजीन सामग्री, स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ में प्लान इंडिया ने आयोजित किया डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया कार्यक्रम

मंकीपाक्स : लक्षण और बचाव जानिए विस्तार से | Monkeypox symptoms: monkeypox cure | monkeypox virus

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अभी दुनिया कोरोना के कहर से ही निजात नहीं पा सकी है, कि एक नई संक्रामक बीमारी ने भयावह रूप लेना आरंभ कर दिया है। जी हाँ , आजकल मंकीपोक्स ( monkeypox ) नामक नई बीमारी का नाम सामने आ रहा है। यूरोप से शुरू हुई monkeypox virus से फैलने वाली यह बीमारी अब भारत में भी पाँव पसार रही है। समय रहते सजग रहकर सही जानकारी की सहायता से ही हम इससे निजात पा सकते हैं । इस आलेख में हम इसके लक्षणों monkeypox symptoms, बचाव के तरीकों monkeypox cure आदि के बारे में जानेंगे।

monkeypox symptoms ( मंकीपोक्स के लक्षण)

सबसे पहले तो इस घातक बीमारी के लक्षणों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। आमतौर पर इसके लक्षण संक्रमित हो जाने के 5 से 21 दिनों के भीतर नजर आने लगते हैं। शरीर पर मवाद से भरे दाने, तेज बुखार और सिर दर्द, मांसपेशियों में जकड़न और दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, बेहद थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स इसके प्रमुख लक्षण हैं।

कहाँ से आया मंकीपोक्स monkeypox virus

मंकीपॉक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी है। यह वायरस पहली बार 1958 में एक बंदर में पहली बार पाया गया था।किसी इंसान के शरीर में इसके संक्रमण की पुष्टि का मामला 1970 में पहली बार सामने आया था ।यह ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे अधिक मामले सामने आए थे , जिसमें 75% मरीज पुरुष थे।

मंकीपोक्स कैसे फैलता है monkeypox infection

मरीज के घावों से निकले द्रव के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के आंख, नाक और मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है। इसके अतिरिक्त जानवरों के काटने से या उनके खून व शरीर से निकले द्रवों को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार यह बीमारी मरीज से स्किन टु स्किन संपर्क करने से या फिर उसे खाना खिलाने से भी फैलती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।

मंकीपोक्स का कहर

प्रसिद्ध वेबसाईट monkeypoxmeter.com के अनुसार दुनिया में मंकीपॉक्स के लगभग 21 हजार से अधिक मामले भारत सहित दुनिया के 84 से अधिक देशों में अब तक सामने आ चुके हैं। इनमें से यूरोप में सबसे ज्यादा 14000 से अधिक लोग मंकीपोक्स से पीड़ित हुए हैं। वहीं, बीमारी से ग्रस्त प्रमुख 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली और बेल्जियम शामिल हैं। 

भारत में मंकीपोक्स monkeypox in india

हमारे देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में सामने आया था। इसके बाद केरल में ही 18 जुलाई और 22 जुलाई को दूसरे और तीसरे केस की पुष्टि हुई थी। हांलांकि ये तीनों मरीज खाड़ी देशों से लौटकर आए थे। लेकिन इसके बाद 25 जुलाई को दिल्ली में एक चौथे केस की पुष्टि भी हुई, जबकि इस मरीज की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है । खबरों के अनुसार वह मनाली से पार्टी करके लौटा था। इनके अतिरिक्त तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 4 अन्य संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है, जिनकी पुष्टि होनी बाकी है।

मंकीपोक्स से बचाव monkeypox cure

विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO, एवं भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाईडलाइन्स के अनुसार ट्रिपल लेयर मास्क पहनना , हाथों को बार- बार साबुन से अच्छी तरह धुलना, सैनेटाइजर का प्रयोग करना, शारीरिक दूरी बनाकर रखना इससे बचाव में कारगर हैं। मरीज के संपर्क में आए व्यक्ति को 21 दिनों के आईसोलेशन में रखना जरूरी है। मरीज के घावों को पूरी तरह से ढककर रखें और उसे पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में ही रहना होगा। गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

मंकीपोक्स का उपचार monkepox treatment

अभी तक इस बीमारी की कोई भी कारगर वैक्सीन नहीं बनाई गई है। किन्तु विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स पर 85% तक असरकारक है। ज्यादातर देश ऐसी ही वैक्सीन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत सरकार ने भी इसकी वैक्सीन के विकास हेतु टेंडर जारी कर दिए हैं।

उम्मीद है कि जल्द ही इस घातक बीमारी से निपटने के लिए कारगर वैक्सीन खोज ली जाएगी। लेकिन तब तक सावधानी से रहें, तथा बचाव हेतु ऊपर सुझाए गए तरीकों का पालन अवश्य करें। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो जनहित में इसे शेयर अवश्य करें। आप इन लेखों को भी पढ़ सकते है. . लोकतन्त्र का काला सच या जनसेवा की हकीकत ,Jeremy lalrinunga details,gold medal winner, commonwealth game।। 19 साल के भारोत्तोलक ने दिलाया देश को स्वर्ण