धूमिल अक्षर : एक संवेदनशील प्रेम कविता
तुम्हीं कहती थीं
सागर सा गहरा
आकाश सा विस्तृत
भूमि सा पवित्र
है हमारा रिश्ता,
फिर क्यों करे
हम कल की चिन्ता
ज्ञान,विज्ञान,साहित्य,समाचारों की ई-पत्रिका
तुम्हीं कहती थीं
सागर सा गहरा
आकाश सा विस्तृत
भूमि सा पवित्र
है हमारा रिश्ता,
फिर क्यों करे
हम कल की चिन्ता
आजकल साईबर ठगी के अलग अलग तरीके सामने आ रहे हैं। साइबर ठग तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों को ठगते हैं। कभी आप इंटरनेट पर किसी कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर रहे हैं और आपको कस्टमर केयर का नंबर मिल भी जाता है। आप उस नंबर पर बात करते हैं ,आपसे कहा … Read more
कई विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान यह संज्ञान में आया कि भोजनमाताओं द्वारा जूते – चप्पल पहन कर छात्र-छात्राओं को भोजन वितरण किया जा रहा है। साथ ही कतिपय विद्यालयों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के द्वारा भी बच्चों के भोजन ग्रहण करने वाले स्थान पर जूते पहन कर ही विचरण किया जा रहा है।
नेट एवं स्लेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बताया कि एपीआई (Academic Performance Index) पर आधारित मेरिट बनाए जाने से उत्तराखण्ड के अधिकांश युवा भर्ती के पहले चरण में ही बाहर हो जाएंगे। इस प्रक्रिया में पी एच डी डिग्री को 25 अंकों का भारी वेटेज दिया गया है, जिससे अन्य अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो रहे हैं।
हर घर में तिरंगा लहराए,हर दिल में तिरंगा बस जाए।अपना भारत प्राणों से प्यारा,हर लब यह गीत गुनगुनाए। तीन रंगों की छटा निरालीधरती से गगन तक छा जाए।तिरंगे की विराटता में,सारा जग समा जाए।उस दिव्य भाव को छू लें,जो देश प्रेम की राह दिखाए।हर घर में तिरंगा लहराए,हर दिल में तिरंगा बस जाए। रंग केसरिया … Read more
राष्ट्रध्वज तिरंगा हमारी आन, बान और शान का प्रतीक है। इस पोस्ट में हम प्रस्तुत कर रहे हैं, सभी देशवासियों के लिए वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. नंद किशोर ढौंडियाल ‘अरूण’ की राष्ट्रध्वज तिरंगे पर लिखित दो विशेष कविताएं….
क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान में की गई मूल व्यवस्था के अनुसार ध्वज संहिता के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति या निजी संस्था को तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं था। 1982 में सबसे पहले प्रसिद्ध उद्योगपति तथा हरियाणा से लोकसभा सांसद नवीन जिंदल ने रायगढ़ में अपनी फैक्ट्री में तिरंगा फहराया। उस समय के स्थानीय कमिश्नर ने ध्वज आचार संहिता के तहत कार्यवाही करते हुए इसे अवैध ठहराया।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा की मांग की है। आज देहरादून में आयोजित एक बैठक में नेट एवं सेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा आयोग द्वारा अपनाई जा रही एकेडमिक परफारमेंस इंडेक्स (API) पर आधारित चयन प्रक्रिया का विरोध किया गया।