गांधी जी की याद में पंकज बिजल्वाण की कविता…
गांधी तेरे पदचिन्हों को, वक्त ने मिटा डाला था,
आज तेरी स्मृतियों का भी, हमने कत्ल कर डाला है।
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गांधी तेरे पदचिन्हों को, वक्त ने मिटा डाला था,
आज तेरी स्मृतियों का भी, हमने कत्ल कर डाला है।
आओ बच्चों हम सब मिलकर,
ऐसी अलख जगा जाएं,
बापू के सपनों सा सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।
भ्रष्टाचार!
हमारा विशेषाधिकार।
चुनाव जीते हैं भई,
हम हाकम, हम ही सरकार।।
तुम्हीं कहती थीं
सागर सा गहरा
आकाश सा विस्तृत
भूमि सा पवित्र
है हमारा रिश्ता,
फिर क्यों करे
हम कल की चिन्ता