Poem On Gandhi Jayanti गाँधी,शास्त्री जयंती पर कवि शलभ की विशेष कविता…

गाँधी, शास्त्री जयंती  पर  विशेष कविता

आओ बच्चों हम सब मिलकर,
ऐसी अलख जगा जाएं,
बापू के सपनों सा सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।
मिटे गरीबी, भूख देश से,
बेकारी भी मिट जाए,
सब हाथों को काम मिले और,
पेट सभी के भर जाएं,
अपनी मेहनत से धरती के,
गर्भ से सोना उपजाएं,
बापू के सपनों सा सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।
बेईमानों के हाथों में,
बेंचे ना ईमान कोई,
कभी किसी लालच में आकर,
बदले ना इंसान कोई,
निष्ठा और समर्पण के गुण,
सबके दिल में भर जाएं,
बापू के सपनों सा सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।
सत्य के पथ पर चले सभी पर,
झूठ कभी ना अपनाएं,
छोटे लाभों को पाने को,
गलत राह पर ना जाएं,
अटल सत्य के आगे देखो,
झूठ के पांव न जम पाएं,
बापू के सपनों का सा सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।

जात-पात और ऊंच-नीच का,
भेद नहीं दिल में पालें,
निवलों असहायों को अपने,
दिल से हम सब अपना लें,
रहें सदा सबसे हिल मिलकर,
सबको गले लगा जाएं,
बापू के सपनों से सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।
भ्रष्टाचार मिटा देंगे हम,
अपने देश के दामन से,
रिश्वतखोरी का पौधा जब,
उखड़े देश के आंगन से,
सकल विश्व में भारत माता,
अपने तेज को बिखराएं,
बापू के सपनों सा सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।
चक्रव्यूह आतंकवाद का, 
अब ना और सहेंगे हम,
अभिमन्यु जैसे तेजस्वी,
वीर सपूत बनेंगे हम,
छिन्न-भिन्न कर चालें रिपु की,
बच के साफ निकल जाएं,
बापू के सपनों सा सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।
बापू के सपनों सा सुंदर,
भारतवर्ष बना जाएं।

………………….. शलभ अग्निहोत्री

शलभ अग्निहोत्री माध्यमिक शिक्षा विभाग उत्तराखंड में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं।आप संवेदनशील व्यक्तित्व के स्वामी हैं, आपकी यही संवेदनशीलता शब्दों में बदलकर कविता का रूप धारण कर लेती है।

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