सोचने पर मजबूर कर देगी विरेंद्र नौडियाल की ये कविता… हम गोल गोल घूमे

हम गोल गोल घूमे, गूगल हो गए…लहलहाती फसलें हमारी नस्लेंमाटी की महक पंक्षियों की चहकबरगद की छांव वो चौपाल चबूतरेहम गोल गोल घूमे, गूगल हो गए…साग-सब्जी का स्वाद, गोबर की खादधारों स्रोतों का पानी, अल्हड़ जवानीखेतों की मेहनत वो रोटी की जुगतहम गोल गोल घूमे, गूगल हो गए…हुलेरों का टोला रीति रिवाजों का मेलाहक्कारों की … Read more

श्रीदेव सुमन पुण्यतिथि पर विशेष: नरेश रावत की कविता…

                              “श्री देव सुमन”25 मई 1916 को,चम्बा के जौल गांव में जन्माहरीराम बडोनी और तारा देवी का सुपुत्रचार भाई – बहनों में सबसे छोटानाम श्री दत्त था कहलाया। (पिता के बारे में….)पिता थे एक वैद्य…ख्याति थी दूर-दूर तकफैला था.. हैजा का प्रकोप जबलोगों की सेवा में किया खुद को तत्पर थाना चिंता की खुद की…वैद्य … Read more

इस आयोजन में स्त्री अस्मिता के सवालों से निरुत्तर कर गया नाटक, महिला चित्रकारों के चित्रों ने किया मंत्रमुग्ध

अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस संबंधी कार्यक्रम का आयोजन देहरादून में तरला आमवाला स्थित कैंपस में किया गया। देहरादून की प्रसिद्ध महिला चित्रकारों के चित्रों की प्रदर्शनी डीआरडीओ की वैज्ञानिक जया मिश्रा तथा डीएवी महाविद्यालय कि छात्र संघ उपाध्यक्ष सोलानी लेगी से बातचीत और संभव मंच परिवार द्वारा नाटक ‘ तुम रहोगी … Read more

kya nam dun| क्या नाम दूँ : तनुज पंत ‘अनंत ‘ की भावपूर्ण कविता

तुम जो गुज़री हो
सरसराती पवन सी
हृदय स्पंदित करती
प्रकाश पुंज सी रेखा खींचती,
मन चाहता है
तुम्हें सम्मान दूँ , परन्तु
किस नाम से पुकारूँ तुम्हें
क्या नाम दूँ ?