मात्र एक दिवस मना लेने से पर्यावरण का सरंक्षण नहीं हो सकता, प्रदूषण पर रोक लगाकर पर्यावरण को बचाने के सतत प्रयास करने होंगें : इस चिंता को व्यक्त करती एक संवेदनशील काव्यात्मक अपील
फोटो- साभार (गूगल) प्रदूषण की बढ़ती माया दुनियावालों देख लो तुम, प्रदूषण की बढ़ती माया। हरी–भरी धरती को निगलने प्रदूषण रूपी राक्षस आया ।॥ चारों ओर बिखरा है कूड़ा , प्लास्टिक के लगे हैं ढेर | भीषण गर्मी, बाढ़ भयानक, मौसम के भी बदले फेर ।। नहरें, पोखर, तालाब सूखते, सिकुड़ रहे नदियों के किनारे। पिघल रहे … Read more