पूर्व प्राथमिक शिक्षा पर पहल: शब्दरहित कहानी पुस्तकों का हुआ विमोचन, लेखक और चित्रकार हुए सम्मानित

उत्तराखंड राज्य के बच्चे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में अक्षर ज्ञान प्राप्त करने से पहले ही पढ़ना शुरू कर देंगे। उत्तराखंड के आंगनवाड़ी केंद्रों और बाल वाटिकाओं में अध्ययनरत बच्चों के लिए आज शब्दरहित कहानी पुस्तकों का विमोचन डायट देहरादून में आयोजित एक समारोह में किया गया। पुस्तकों को एससीईआरटी उत्तराखंड के दिशा निर्देशन में डायट देहरादून, रूम टू रीड और यू एस एड संस्थाओं के संयुक्त प्रयासों से तैयार किया गया है।

Launching ceremony of wordless picture books at diet dehradun

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान देहरादून में आयोजित एक समारोह में आज पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों हेतु तैयार की गई शब्द रहित कहानी पुस्तकों का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक अकादमिक,शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल, संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी,रूम टू रीड से सिम्मी सिक्का, यूएसएड से शिखा जैन,जिला कार्यक्रम अधिकारी सरोज कुमार त्रिपाठी, प्राचार्य डायट राकेश जुगरान,सहायक निदेशक डा.के एन बिजल्वाण और बाल विकास परियोजना अधिकारी तरूणा चमोला द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की गई।

डायट देहरादून के डी एल एड प्रशिक्षुओं द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत की प्रस्तुति के पश्चात प्राचार्य राकेश जुगरान द्वारा सभी का स्वागत करते हुए कहा गया कि बच्चों की कल्पनाशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें रोचक तरीके से शिक्षा से जोड़ने के लिए लगभग दो वर्षों के प्रयास के पश्चात इन पुस्तकों का प्रकाशन संभव हो पाया है।पुस्तकों का लेखन और चित्रांकन देहरादून जनपद के शिक्षक साहित्यकारों और चित्रकारों ने किया। इस प्रक्रिया में रूम टू रीड के विशेषज्ञों के साथ साहित्यकार डा.नंदकिशोर हटवाल और मुकेश नौटियाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

रूम टू रीड संस्था की एसोसिएट डायरेक्टर सिम्मी सिक्का और यू एस एड की शिखा जैन ने बताया कि उनकी संस्थाएं भारत के ग्यारह राज्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण पर कार्य कर रही हैं। उत्तराखंड के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों के पठन की शुरुआत चित्रों को पढ़ने से होगी तो वे बेहतर ढंग से शिक्षण की औपचारिक प्रक्रिया से जुड़ सकेंगे।इसी बात को ध्यान में रखकर बच्चों में रोचकता, संवाद शक्ति और कल्पनाशीलता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में ये पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं।

‘आसमान की सैर’ पुस्तक के लेखक प्रदीप बहुगुणा ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के लिए लिखी गई सामग्री सहज और सरल होनी चाहिए, किंतु सरल लिखना ही कठिन होता है।सभी लेखकों और चित्रकारों ने इसके लिए जो परिश्रम किया है,उसकी सार्थकता तभी होगी जब राज्य के बच्चे इससे लाभान्वित होंगें।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल ने सभी लेखकों और चित्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि जिस प्रकार से बच्चों की प्रतिक्रिया इन पुस्तकों पर मिली है, उससे साबित होता है कि राज्य की पूर्व प्राथमिक कक्षाओं हेतु ये पुस्तकें अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगी। उन्होंने इस कार्य में सहायता हेतु यू एस एड और रूम टू रीड संस्थाओं को धन्यवाद दिया तथा डायट देहरादून के इस प्रयास की सराहना की।

इन पुस्तकों का हुआ विमोचन

  • आसमान की सैर : लेखक – प्रदीप बहुगुणा, चित्रकार – किशोर पंवार
  • चिंटू की सुरंग : लेखिका – प्रेमलता सजवाण, चित्रकार – संजय रावत
  • करामाती डिब्बा :लेखिका – पल्लवी नौटियाल,रोनिका कश्यप, चित्रकार – वासुदेव लाल
  • मुखौटा : लेखन : शशिलता पोखरियाल,दीपिका पंवार,परविंद सिंह रावत, चित्रकार – वासुदेव लाल
  • तिकोनी का जन्मदिन : लेखिका – पल्लवी नौटियाल चित्रकार – फैजल जरीफ खान
  • चश्मा : लेखिका – मीना जोशी, चित्रकार – बृजेश जोशी

इस अवसर पर पुस्तक लेखकों और चित्रकारों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता राम सिंह चौहान और डा. विजय रावत ने किया।

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक एससीईआरटी कंचन देवराड़ी,रूम टू रीड से पुष्पलता रावत, वंशिका, भावना ,जिला कार्यक्रम अधिकारी सरोज कुमार त्रिपाठी,सहायक निदेशक डा.के एन बिजल्वाण और बाल विकास परियोजना अधिकारी तरूणा चमोला, साहित्यकार डॉ. नंद किशोर हटवाल,मुकेश नौटियाल, चित्रकार तनिष्क, अरविंद,डायट प्रवक्ता प्रणय बहुगुणा, राजेंद्र सिंह दानू,सुरेंद्र डंगवाल,विपिन भट्ट, शिशुपाल सिंह बिष्ट,अरुण थपलियाल,दीपिका पंवार,हितेश गुप्ता,अनिल डोभाल,सुनीता अधिकारी,टीना मोहन,विनीता सुयाल,कविता मैठाणी,सरिता रावत आदि एवं समस्त डी एल एड प्रशिक्षु उपस्थित थे।

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