आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस राष्ट्रीय लीडरशिप कांफ्रेंस का आयोजन: बडोनी ने किया निदेशक के साथ उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता वर्तमान समय में सूचना तकनीकी के क्षेत्र में बहुचर्चित है। भविष्य की तकनीकी चुनौतियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारतीय संदर्भ में इसके अनुप्रयोग और विकास के लिए अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन ने छात्र,शिक्षक और AI विषय पर राष्ट्रीय लीडरशिप कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। आंध्र प्रदेश के कुप्पम में आयोजित इस राष्ट्रीय कांफ्रेंस में उत्तराखंड के प्रतिनिधि के रूप में निदेशक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल के साथ रमेश बडोनी, प्रवक्ता एससीईआरटी उत्तराखंड ने प्रतिभाग किया।

National conference on Artificial intelligence, Badoni represented uttarakhand with director ART

इस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने तकनीकी क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की चर्चा की, जिसमें शिक्षा, औद्योगिक क्षेत्र, और नैतिकता के मामलों पर विचार विमर्श हुआ।

कांफ्रेंस के महत्वपूर्ण सत्रों में आईआईटी मुंबई, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी खरगपुर, आईआईटी बेंगलुरु और विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रमुख शिक्षाविदों ने; तकनीकी क्षेत्र में अपनी भौगोलिक संसाधनों के साथ कृत्रिम बौद्धिक क्षमता का समावेश कैसे किया जा सकता है, इस पर चर्चा की। नवम फाउंडेशन और पूर्व मुख्य अधिकारी नितिन देसाई द्वारा सम्पूर्ण ईवेंट को रोचक बताया गया। प्रोग्राम समन्वयक डॉ अनंत ने कॉन्फ्रेंस के सफल संचालन हेतु संसाधनों को यथा समय प्रतिभागियों को उपलब्ध करवाया।

इस अवसर पर, इंफोसिस की फाउंडर मेंबर सुधा मूर्ति, अगस्त्य फाउंडेशन के फाउंडर रामजी राघवन, प्रोफेसर गोपीनाथ, और अन्य अधिकारियों ने शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही और नैतिक उपयोग करने के लिए तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर कैसे कदम उठाये जा सकते हैं, इस पर चर्चा की।
कॉन्फ्रेंस में विभिन्न एनजीओ और स्टार्टअप्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नए-नए अनुप्रयोगों पर चर्चा की, जिसमें राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी अपने संदर्भों के साथ ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों के साथ अपनी विचारधारा साझा की।

कांफ्रेंस में शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी संस्थानों जैसे आईआईटी मुंबई, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी खरगपुर, और विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के यंत्रों को सुगम बनाने के लिए कई तकनीकी योजनाओं की घोषणा भी की गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ओपन डिस्कशन और स्किल एनहैंसमेंट पर विशेष व्याख्यानों का आयोजन भी किया गया। इस दौरान विभिन्न विषयों पर चिंतन मंथन सत्रों में श्री राम और अभिनेत्री सुभाषिणी ने गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों को सहयोग करने और सक्रियता के लिए तैयार किया ।

अंतिम दिवस पर कॉन्फ्रेंस में इसरो के पूर्व चेयरमैन और निदेशक डॉक्टर पदम विभूषण किरण कुमार, ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य को लेकर चर्चा की और प्रतिभागियों के प्रश्नों के जवाब दिए। उत्तराखंड से बंदना गर्ब्याल, निदेशक अकादमिक शोध एवं मूल्याकन ने इसरो के निदेशक से चर्चा की कि कैसे हम अपने शैक्षणिक संस्थानो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को वास्तविक और नैतिक रूप से प्रयोग करने के लिए वातावरण निर्माण कर सकते हैं। एससीई आरटी उत्तराखंड के आई टी प्रवक्ता रमेश बडोनी ने इसरो के वैज्ञानिक से भुवन पोर्टल पर चर्चा की, और इस पोर्टल को पाठ्यक्रम के साथ सम्बद्ध करने के लिए नए विकल्पों, जैसे नेवीगेशन और अंतरिक्ष की जानकारी के लिए संसाधनों पर समीक्षा करने को कहा। इस क्रम मे वैज्ञानिक किरण कुमार द्वारा भुवन के नए अवतार और संसाधनों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी साझा की गई।

कॉन्फ्रेंस के समापन के दौरान, देश, प्रदेश, और विभिन्न तकनीकी संस्थानों से आए वैज्ञानिकों, शिक्षकों, और अन्य प्रतिभागियों ने ए आई को समग्रता में उपयोग करने के लिए अधिक से अधिक तैयारी और सुझाव दिए। इन चर्चाओं के माध्यम से भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का प्रयास किया गया, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सुगमता से समझा जा सके और इसे व्यापक रूप से लोगों तक पहुंचाया जा सके।

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