Colour theory in hindi|How colours are seen| 90% लोग नहीं जानते रंगों का विज्ञान

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यह दुनिया बहुत खूबसूरत है । अपने चारों ओर नजर दौड़ाईये ।  आपको तरह-तरह की रंगीन चीजें  दिखाई देंगी। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि हमें यह अलग-अलग रंग क्यों दिखाई देते हैं, इन रंगों के पीछे कौन सा वैज्ञानिक तथ्य है इस आलेख में हम आपको रंगों के विज्ञान Colour theory in hindi के बारे में बताएंगे कि किस तरह से कोई चीज हमें रंगीन दिखाई देती है और प्रत्येक चीज का विशेष रंग हमें कैसे  दिखाई देता है। 

Colour theory in hindi

बहुत रंगीन है सूर्य का प्रकाश

जी हां,इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि सूर्य के जिस प्रकार को हम देखते हैं वह हमें सफेद तो नजर आता है,लेकिन वास्तव में वह बहुत रंगीन है। दरअसल सूर्य का प्रकाश सात अलग-अलग रंगों से मिलकर बना है। ये रंग बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी तथा लाल हैं। समान मात्रा में मिलाए जाने पर ये सभी रंग मिलकर श्वेत रंग बनाते हैं यही कारण है कि साधारण सा हमें सूर्य का प्रकाश श्वेत नजर आता है। इसकी पुष्टि इंद्रधनुष के बनने की घटना से भी होती है । इंद्रधनुष तब बनता है, जब वर्ण विक्षेपण की घटना में सूर्य का यह श्वेत प्रकाश अपने अलग अलग अवयवी रंगों में बंट जाता है।

श्वेत प्रकाश के अवयवी रंग

चीजें कैसे दिखाई देती हैं

कई बार हमारे मन में प्रश्न उठता है कि हम चीजों को कैसे देख पाते हैं। दरअसल दरअसल चीजों को देख पाना प्रकाश की उपस्थिति के कारण ही संभव है। कल्पना कीजिए यदि किसी जगह पर प्रकाश उपस्थित ना हो अर्थात वहां पर अंधेरा होता है, तो हम चीजों को नहीं देख पाते हैं। जब प्रकाश किसी वस्तु से टकराकर हमारी आंख तक पहुंचता है तभी वह वस्तु हमें दिखाई देती है। यही कारण है कि प्रकाश की अनुपस्थिति में वस्तुओं को देखना संभव नहीं होता जबकि हम भी वहीं पर होते हैं, और वस्तुएं भी वहीं उपस्थित होती हैं।

colour theory in hindi
आँख से वस्तुओं का दिखना

वस्तुओं के अलग अलग रंग कैसे दिखते हैं, colour theory in hindi

हरे रंग की वस्तु हमें हरी दिखती है, लाल रंग की वस्तु हमें लाल दिखती है। ऐसा क्यों होता है?आप कहेंगे कि यह भी अजीब सा प्रश्न है, जनाब जब वस्तु हरी है तो हरी ही दिखेगी,लेकिन वस्तु का यह हरा रंग है क्या? आइये,अब हम इसके पीछे का विज्ञान समझते हैं। दरअसल जब सूर्य का प्रकाश किसी वस्तु पर गिरता है, तो इसमें समाहित सातों रंग उस वस्तु पर गिरते हैं, उस वस्तु की रासायनिक संरचना और बनावट इस प्रकार की होती है, कि वह किसी एक या कुछ विशेष रंगों को ही वापस लौटने देती है, अन्य रंग उस वस्तु के द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं।जो रंग वस्तु से टकराकर लौटते हैं,हमें वस्तु उन्हीं रंगों की दिखाई देती है।

यदि कोई वस्तु हमें हरी दिख रही है तो इसका मतलब है कि श्वेत प्रकाश में शामिल अन्य सभी रंग उस वस्तु द्वारा अवशोषित कर लिए गए और केवल हरे रंग को ही उसने वापस लौटाया। अब यह हरा रंग ही हमारी आंखों तक पहुंच कर वस्तु का प्रतिबिंब हमारी आंखों पर बना रहा है, यही कारण है कि वह वस्तु हमें हरी दिख रही है। अपना लाल टमाटर भी हमें इसीलिए लाल दिखता है, क्योंकि वह लाल रंग को छोड़कर अन्य सभी रंगों का अवशोषण कर लेता है। यदि वस्तु सभी रंगों का अवशोषण कर ले तो वह हमें काली दिखाई देती है इसका मतलब है कि काला रंग श्वेत प्रकाश के सभी रंगों की अनुपस्थिति को दर्शाता है।यह भी पढ़ें साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला,रक्षित टंडन ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

तो अब आप समझे कि विभिन्न वस्तुओं का रंग कैसे निर्धारित होता है यानी Colour theory in hindi। हरी पत्तियों का क्लोरोफिल और लाल टमाटर का एंथ्रोसाइनिन वास्तव में करते क्या हैं। यदि आलेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर अवश्य कीजिएगा। यह भी पढ़ें Sun halo effect। क्यों दिखता है सूर्य के चारों ओर इंद्रधनुषी वलय। आज दिखा अद्भुत नजारा

1 thought on “Colour theory in hindi|How colours are seen| 90% लोग नहीं जानते रंगों का विज्ञान”

  1. सूचनाप्रद लेख! सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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