kya nam dun| क्या नाम दूँ : तनुज पंत ‘अनंत ‘ की भावपूर्ण कविता

तुम जो गुज़री हो
सरसराती पवन सी
हृदय स्पंदित करती
प्रकाश पुंज सी रेखा खींचती,
मन चाहता है
तुम्हें सम्मान दूँ , परन्तु
किस नाम से पुकारूँ तुम्हें
क्या नाम दूँ ?