यहां खरीदी गई थी दुनिया की सबसे महंगी जमीन,बदले में मांगा था अद्भुत वरदान

आपने दुनिया में एक से बढ़कर एक महंगी जमीनों के बारे में सुना होगा, लेकिन…क्या आप जानते हैं कि विश्व में आज तक की सबसे महंगी ज़मीन कहाँ पर बिकी है?

Veer bal divas most precious land bought by todarmal
चित्र : साभार(इंटरनेट)

यदि आप सोच रहे हैं कि सबसे महंगी जमीन दुनिया में इंग्लैंड,अमेरिका, स्विट्जरलैंड,फ्रांस या किसी अन्य देश में है, तो आप गलत हैं दुनिया की सबसे महंगी जमीन का सौदा अगर कहीं आज तक हुआ है तो वह हुआ है अपने ही भारत में।

विश्व में आज तक भूमि के किसी टुकड़े का सबसे अधिक दाम चुकाया गया है वह है हमारे भारत में…पंजाब में स्थित सिरहिन्द में विश्व की इस सबसे महंगी भूमि को ख़रीदने वाले महान व्यक्ति थे, जिन्हें हम दीवान टोडरमल जी के नाम से जानते हैं।

गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबज़ादों बाबा फ़तह सिंह और बाबा ज़ोरावर सिंह की शहादत की दास्तान शायद आप सबने कभी ना कभी कहीं ना कहीं से सुनी होगी…यहीं सिरहिन्द के फ़तहगढ़ साहिब में मुग़लों के तत्कालीन फ़ौजदार वज़ीर खान ने दोनों साहिबज़ादों को जीवित ही दीवार में चिनवा दिया था. इन्ही के याद में प्रतिवर्ष हम वीर बाल दिवस मनाते हैं।

दीवान टोडरमल जी, जो कि इस क्षेत्र के एक धनी व्यक्ति थे और गुरु गोविंद सिंह जी एवं उनके परिवार के लिए अपना सब कुछ क़ुर्बान करने को तैयार थे। उन्होंने वज़ीर खान से साहिबज़ादों के पार्थिव शरीर की माँग की और वह भूमि जहाँ वह शहीद हुए थे वहीं पर उनकी अंत्येष्टि करने की इच्छा प्रकट की।

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वज़ीर खान ने धृष्टता दिखाते हुए भूमि देने के लिए एक अटपटी और अनुचित माँग रखी!वज़ीर खान ने माँग रखी कि इस भूमि पर सोने की मोहरें बिछाने पर जितनी मोहरें आएँगी वही इस भूमि की कीमत होगी…

दीवान टोडर मल जी के अपने सब भंडार ख़ाली करके जब मोहरें भूमि पर बिछानी शुरू कीं तो वज़ीर खान ने फिर धृष्टता की पराकाष्ठा पार करते हुए कहा कि मोहरें बिछा कर नहीं बल्कि खड़ी करके रखी जाएँगी, जिससे कि अधिक से अधिक मोहरें वसूली जा सकें!!!

ख़ैर…दीवान टोडरमल जी ने अपना सब कुछ बेच कर और मोहरें इकट्ठी कीं और 78000 सोने की मोहरें देकर चार गज़ भूमि को ख़रीदा ताकि गुरु जी के साहिबज़ादों का अंतिम संस्कार वहाँ किया जा सके…

चार गज जमीन की इससे बड़ी कीमत कोई नहीं चुका सकता।

बाद में गुरु गोविन्द सिंह जी को इस बारे में पता चला तो उन्होंने दीवान टोडरमल जी से कृतज्ञता प्रकट की ।और उनसे कहा कि वे उनके त्याग से बहुत प्रभावित हैं और उनसे इस त्याग के बदले में कुछ माँगने को कहा…

ज़रा सोचिए दीवान टोडर मल जी ने क्या माँगा होगा गुरु जी से ???

दीवान जी ने गुरु जी से जो माँगा उसकी कल्पना करना भी असम्भव है !!!

दीवान टोडर मल जी ने गुरु जी से कहा की यदि कुछ देना ही चाहते हैं तो कुछ ऐसा वर दीजिए की मेरे घर पर कोई पुत्र ना जन्म ले और मेरी वंशावली यहीं मेरे साथ ही समाप्त हो जाए।

इस अप्रत्याशित माँग पर गुरु जी सहित सब लोग हक्के-बक्के रह गए !!! गुरु जी ने दीवान जी से इस अद्भुत माँग का कारण पूछा तो दीवान जी ने जो उत्तर दिया वह एक मिसाल है…

दीवान टोडर मल जी ने उत्तर दिया कि गुरु जी, यह जो भूमि इतना महंगा दाम देकर ख़रीदी गयी और आपके चरणों में न्योछावर की गयी मैं नहीं चाहता कि कल को मेरे वंश या आने वाली नस्लों में से कोई कहे की यह भूमि मेरे पुरखों ने ख़रीदी थी.

यह थी निस्वार्थ त्याग और भक्ति की आज तक की सबसे बड़ी मिसाल…


आज किसी धार्मिक स्थल पर चार ईंटे लगवाने पर भी लोग अपने नाम की पट्टी पहले लगवाते हैं, किसी गरीब को एक केला पकड़ाते समय भी चार चार लोग एक साथ फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं।

हमारे पुरखे जो जो बलिदान देकर गए हैं वह अभूतपूर्व है और इन्हीं बलिदानों के कारण ही हम लोगों का अस्तित्व अभी तक है…

(विभिन्न स्रोतों से साभार संकलित)
वीर बाल दिवस पर दीवान टोडर मल जी को शत शत नमन ….

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