राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में कवियों ने सर्द मौसम में भी दौड़ा दी लहू में गर्मी, बाल कवियों ने भी दी दस्तक

वीर बाल दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में देशभर से आए कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से सर्दी के मौसम में भी श्रोताओं के लहू में गर्मी दौड़ा दी।

National level kavi sammelan organised by rashtriya kavi sangam

सोसायटी फॉर मिशन 4G प्लस व भारतीय विकास और शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय शरदोत्सव के दूसरे दिन राष्ट्रीय कवि संगम संस्था द्वारा राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में देश भर से आए प्रतिष्ठित कवियों के साथ युवा एवं बाल कवियों ने भी प्रतिभाग किया।एक ही मंच पर इतने कवियों की ओजपूर्ण काव्य प्रस्तुतियों ने देहरादून के सर्द मौसम में भी जोश की लहर पैदा कर दी।

कवि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि वर्तमान युग एक प्रकार का संधिकाल है, जो नए भारत के निर्माण का गवाह है। भव्य राम मंदिर निर्माण की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश में वो बदलाव हो रहे हैं,जिनकी जनमानस को सदियों से प्रतीक्षा थी।

विशिष्ट अतिथि विश्व संवाद केंद्र के निदेशक विजय कुमार ने कहा कि कलम में समाज को जगाने और बदलने की शक्ति निहित है।इस शक्ति का उपयोग जनकल्याण के लिए भी हो सकता है,तो विनाश के लिए भी। आमंत्रित कवियों और श्रोताओं का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के भीतर कोई न कोई प्रतिभा अवश्य होती है, अपनी प्रतिभा को पहचानकर इसका उपयोग राष्ट्रहित और जनकल्याण के लिए करना ही मानवता की निशानी है।

इस अवसर पर बाल, युवा एवं वरिष्ठ कवियों ने एक से बढ़कर एक कविताओं की प्रस्तुति कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कवि सम्मेलन में ‘ बाल कवियों ‘ में प्रखर बहुगुणा ,सर्वेश सिंह, गुलाब चन्द्र, देश कुमार ने, ‘दस्तक युवा पीढ़ी की’ श्रेणी के अंतर्गत नवोदित कवियों गंगा बहुगुणा, निमेष सिंह, कपिल वीर तोमर ,सौरभ राणा ,दिव्यांश दिव्य, दिव्यांश सिंह ने तथा ‘ काव्य पदार्पण श्रेणी’ के अंतर्गत प्राची कर्णवाल, झरना माथुर, कीर्ति अहलावत, हरीश रवि,भूपेंद्र बसेड़ा, राजीव कपिल, प्रभात रंजन, कविता बिष्ट के अतिरिक्त मोहित शौर्य, इरा कुकरेती, डॉ प्राची डंगवाल, डॉ ममता कुंवर, गीतांजली दत्ता, अनुज पुरोहित, प्रतिभा पाठक, शोभा पांडे, नीता कुकरेती ने काव्य पाठ किया।

बाल कवियों में प्रखर बहुगुणा की कविता ‘ धरती हमारी माता है, इससे गहरा नाता है ‘, गुलाब चन्द्र की ‘ राम महिमा ‘ सर्वेश सिंह की ‘ भारत मेरा महान है ‘ और देश कुमार की कविताओं ने ‘ होनहार बीरवान के होत चिकने पात ‘ उक्ति को चरितार्थ कर दिया।

राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के क्षेत्रीय महामंत्री सुप्रसिद्ध कवि श्रीकांत श्री ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य नवोदित एवं स्थापित कवियों को एक मंच पर लाकर कविता के कारवां को आगे बढ़ाना है।

कवि सम्मेलन का संचालन प्रसिद्ध कवियत्री डा. प्राची कंडवाल ने किया।

सभी कविगणों को आयोजकों द्वारा सम्मान पत्र, पत्र पुष्प देकर व पटका ओढ़ाकर समानित भी किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम और शरदोत्सव आयोजन समिति से जुड़े अनिल अग्रवाल,सतेंद्र शर्मा, सुभाष भट्ट, अजय मोहन सिंह,अशोक गोयल सहित कई गणमान्य अतिथि एवं भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।

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