समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। शिक्षक से अधिक महत्वपूर्ण भूमिका समाज में किसी की नहीं है। शिक्षक स्वयं पर और बच्चों पर भरोसा रखें ,प्रयास करें सफलता अवश्य मिलेगी । यह उद्गार देहरादून के मुख्य शिक्षाधिकारी प्रदीप रावत ने अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय ‘शिक्षक चौपाल’ के समापन पर बोलते हुए व्यक्त किए।
शिक्षक चौपाल -2024’ का सफल आयोजन अजीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन देहरादून में किया गया।शिक्षकों के कक्षा शिक्षण एवं विद्यालय की अन्य प्रक्रियाओं से प्राप्त अनुभवों को प्रस्तुत करने के मंच के रूप में इस चौपाल में जहां 13 शिक्षकों ने अपने कक्षा -कक्ष में शिक्षण के अनुभवों को अपने पर्चों के माध्यम से प्रस्तुत किया, वहीं 26 शिक्षक साथियों ने अलग -अलग विषयों से संबन्धित शिक्षण अधिगम सामग्री को स्टाल पर प्रदर्शित किया और उसपर विस्तार से चर्चा भी की । उल्लेखनीय है कि शिक्षकों के अनुभवों को एक मंच पर सभी शिक्षक साथियों के साथ साझा करने का यह प्रयास 2017 से किया जा रहा है।
कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षकों ने टी एल एम स्टाल्स का निरीक्षण किया और शिक्षकों के प्रयास को सराहा।चौपाल में रायपुर ब्लॉक के विभिन्न विद्यालयों के 140 शिक्षकों समेत अजीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के रवीन्द्र सिंह जीना ,शोभन सिंह नेगी , चंद्रकला भण्डारी ,अनूप बडोला , अशोक मिश्र ,प्रिया जायसवाल ,चंद्रकला भण्डारी ,शिवाली तथा प्रतिभा कटियार आदि ने सक्रिय प्रतिभागिता करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
अजीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के गंगा और यमुना सभागारों में शिक्षकों द्वारा की गई प्रस्तुतियों का सफल संचालन शिक्षिकाओं चन्द्रा जोशी ,कुसुमलता ,उर्मिला बिजल्वाण और संगीता इष्टवाल द्वारा किया गया। चौपाल में काव्यान्श प्रकाशन ऋषिकेश की बुक स्टाल पर भी शिक्षकों ने समय बिताया और किताबों को देखा -परखा। चौपाल का समापन शिक्षकों के साथ सामूहिक संवाद से हुआ जिसे मुख्य शिक्षाधिकारी प्रदीप रावत,डायट प्राचार्य राकेश जुगरान ,ब्लॉक स्तर के अधिकारियों हेमलता गौड़ ,प्रेमलाल भारती समेत फ़ाउंडेशन के राज्य प्रमुख शोभन सिंह नेगी ने भी संबोधित किया और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।इस चौपाल में शिक्षकों द्वारा पेपर प्रस्तुति के समय उनके विद्यालयों में होने वाली शिक्षण प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज़ फोटो और वीडियो का साथ -साथ प्रस्तुत होना सीखने -समझने की दृष्टि से काफी प्रभावी रहा।अपने विद्यालयी अनुभवों को प्रस्तुत करते हुए शिक्षकों में गज़ब का उत्साह और आत्मविश्वास देखने को मिला।सीखने -सिखाने के अनुभवों को मंच देने की दृष्टि से कार्यक्रम काफी सफल रहा ।