कला है मानवीय अनुभूतियों को चित्रित करने का माध्यम: हरिओम शंकर

एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कल सम्मान समारोह का आज समापन हो गया। विद्यालयी शिक्षा में कला शिक्षा को विशेष महत्व प्रदान करने, विद्यार्थियों की प्रतिभा के चहुमुखी विकास तथा राज्य स्तर पर कला के क्षेत्र में अपना विशिष्ट योगदान दे रहे शिक्षकों एवं छात्रों को एक पटल प्रदान करने हेतु एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड द्वारा विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को राज्य स्तर पर प्रतियोगिता के माध्यम से सम्मानित किये जाने हेतु दिनांक 08 एवं 09 नवम्बर, 2023 को राज्य स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा, देहरादून में किया गया।

Scert organised two days kala samman samaroh

कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर विद्यार्थियों एवं अध्यापकों द्वारा बनाई गई पेंटिंग/मुखौटों का निर्णायकों द्वारा मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन मुख्य रूप में प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग में समावष्टि विधा, विषयों का अन्तर्संबंध एवं रंगों के समन्वयन के आधार पर किया गया। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में श्री भारत भण्डारी, श्रीमती मोनिका रानी एवं श्री आनंद कर्माकर द्वारा मूल्यांकन किया गया।

ये रहे परिणाम

लोक कला चित्रकला विधा में दिव्या नौटियाल, रा॰इ॰का॰ रजाखेत, जाखणीधार, टिहरी गढ़वाल द्वारा प्रथम स्थान, पंकज शाह, रा॰उ॰मा॰वि॰ बेनार कपकोट, बागेश्वर द्वितीय स्थान एवं प्रियंका, जनता इण्टर कॉलेज रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर द्वारा तृतीय स्थान प्राप्त किया गया।
लघु चित्रकला विधा में भूपेन्द्र सिंह, रा॰उ॰मा॰वि॰ लौगा मकलाना, जखोली, रुद्रप्रयाग प्रथम स्थान, सुमन चौहान, रा॰उ॰मा॰वि॰ बंगानी खाल, द्वितीय एवं ज्योत्सना बोहरा, रा॰इ॰का॰ लोहाघाट, चम्पावत तृतीय स्थान पर रहे।
पोस्टर चित्रांकन विधा के अन्तर्गत अंकिता, रा॰इ॰का॰ पौड़ी, प्रथम स्थान, खुशनशी, रा॰क॰पू॰मा॰वि॰ नकरौंदा, डोईवाला, देहरादून, द्वितीय स्थान एवं आशीष कश्यप, रा॰इ॰का॰ छोई, रामनगर, नैनीताल तृतीय स्थान पर रहे।
शिल्पकला विधा में अंशिका लोधी, स॰अ॰, रा॰इ॰का॰ दूधली, डोईवाला, देहरादून प्रथम स्थान, लघुता पोस्टी, रा॰इ॰का॰ लमगौंडी, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग द्वितीय एवं अतुल आगरी, आर॰जी॰एन॰पी॰ चौनलिया, अल्मोड़ा तृतीय स्थान पर रहे।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र के मुख्य अतिथि डा॰ हरिओम शंकर, ऐसोसिएट प्रोफेसर, चित्रकला विभाग, डी॰ए॰वी॰ ने अपने सम्बोधन में कहा कि चित्रकला मानवीय अनुभूतियों को चित्रित करने का विशिष्ट माध्यम है, साथ ही यह शिक्षण का एक प्रभावी माध्यम है।

कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से शामिल सीमा जौनसारी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा उत्तराखण्ड, देहरादून ने इस अवसर पर कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को चित्रकला के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें प्रतिभा प्रदर्शन हेतु राज्य स्तरीय मंच प्रदान करता है।


श्रीमती बन्दना गर्ब्याल, निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड, देहरादून ने बताया कि यह कार्यक्रम गत 4 वर्षों से निरंतर गतिमान है और इसे भविष्य में भी संचालित किये जाने की योजना है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को चित्रकता के माध्यम से सीखने-सिखाने को प्रोत्साहित करता है।

अजय कुमार नौडियाल, अपर निदेशक, एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड, देहरादून ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए आह्वान किया कि चित्रकला को विद्यालयी शिक्षा में एक महत्वपूर्ण स्थान देते हुए अधिगम प्रक्रिया में शामिल करें।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों एवं विजेताओं को पुरस्कार वितरण किया गया।

इस अवसर पर एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड, देहरादून से कंचन देवराड़ी, संयुक्त निदेशक,आशारानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक, डॉ॰ के॰एन॰ बिजल्वाण, सहायक निदेशक, रघुनाथ लाल आर्य, संयुक्त निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा उत्तराखण्ड, देहरादून, मेहरबान सिंह बिष्ट, संयुक्त निदेशक,सोहन सिंह नेगी, कार्यक्रम समन्वयक संजीव चेतन, डॉ॰ शक्ति प्रसाद सेमल्टी, डॉ॰ रमेश पंत, श्री अखिलेश डोभाल, नितिन कुमार, डॉ॰ अवनीश उनियाल, दिनेश चौहान, सुनील भट्ट, उषा कटियार, प्रिया गुंसाईं, श्री राजकुमार, कु॰ हीरा आदि उपस्थित रहे।

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