अब इस तरह से होगा शिक्षकों और कार्मिकों के कार्य का मूल्यांकन, राज्यस्तरीय टेक्नोमेला में शिक्षा सचिव ने सराहे तकनीकी के अद्भुत प्रयोग..

शिक्षा में तकनीक के समावेश से शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के साथ-साथ शिक्षकों और कर्मियों के कार्यों का रियल टाइम मूल्यांकन भी हो सकेगा। उत्तराखंड में इसकी शुरुआत कर दी गई है। यह बात यह बात सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन ने एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा आयोजित टेक्नो मेला में कही।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन परिसर,आमवाला देहरादून में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा के नवाचार प्रथम टेक्नो मेला का आयोजन किया गया। टेक्नो मेला के अंतर्गत विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई तकनीक पर आधारित सामग्री का प्रस्तुतीकरण, अतिथि विशेषज्ञों के व्याख्यान और विभिन्न संस्थाओं के द्वार शैक्षिक तकनीकी से संबंधित सामग्री की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

State level techno mela organised by scert uttarakhand
बच्चों से संवाद करते सचिव विद्यालयी शिक्षा

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सचिव विद्यालयी शिक्षा,उत्तराखंड रविनाथ रामन ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान युग कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का युग है। लगभग दो दशक पहले हुई इंटरनेट की शुरुआत से लेकर आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में पहुंच चुके हैं। यह तकनीक लगभग सभी क्षेत्रों में मददगार साबित हो रही है ।

विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से होगा मूल्यांकन

उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता कभी भी प्राकृतिक मानव बुद्धि एवं कौशल का स्थान नहीं ले सकती, लेकिन तकनीक के माध्यम से हर व्यक्ति के कार्य का मापन और मूल्यांकन आसानी से शुद्धता पूर्वक किया जा सकता है।इसी क्रम में उत्तराखंड में स्थापित विद्या समीक्षा केंद्र भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था और मानीटरिंग पद्धति को बदलने में सहायक होगा। वर्तमान शिक्षण पद्धति  के साथ तकनीक का समावेश कर शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी बनाया जा सकता है।

टेक्नो मेला के बारे में जानकारी देते हुए निदेशक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड वंदना गर्ब्याल द्वारा बताया गया कि टेक्नो मेला का आयोजन उत्तराखंड में प्रथम बार किया जा रहा है। इस मेले का उद्देश्य तकनीकी के सुरक्षित उपयोगों का प्रयोग शिक्षण और पठन-पाठन में करना है । मेले की थीम डिजिटल भारत, साइबर सुरक्षा, संगठनात्मक नैतिकता और जागरूकता पर आधारित है।

टेक्नो मेला में विद्यार्थियों द्वारा तीन वर्गों में अपने तकनीक आधारित नवाचारों का प्रदर्शन किया गया। वर्ग ‘ ए’ में कक्षा 6 से 8, वर्ग बी में कक्षा 9 व 10 तथा वर्ग ‘ सी’ में कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों को शामिल किया गया था। उत्तराखंड के सभी जनपदों से कुल 39 विद्यार्थियों एवं उनके 13 एस्कॉर्ट शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इनमें प्रत्येक वर्ग से अपने जनपद स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी शामिल थे।

विशेषज्ञों ने दिए शिक्षा में तकनीक पर व्याख्यान

अतिथि विशेषज्ञों के रूप में डॉक्टर अंकुर दुमका एसोसिएट प्रोफेसर, डब्ल्यू आई टी,देहरादून तथा डॉक्टर प्रिया माटा एसोसिएट प्रोफेसर,तुलाज इंस्टीट्यूट देहरादून ने शिक्षा में तकनीकी के समावेश तथा वर्तमान आधुनिक तकनीकों पर आधारित व्याख्यान प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग में कार्यरत तथा राष्ट्रीय स्तर पर आईसीटी अवार्ड प्राप्त करने वाले शिक्षकों सुप्रिय बहुखंडी, मनोधर, नैनवाल, उमेश चंद्र पांडे,जे पी डोभाल, परमवीर सिंह कठैत,कौस्तुभ चंद्र जोशी,रमेश चंद्र बडोनी, प्रदीप नेगी तथा हाल ही में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक दौलत सिंह गुसांई द्वारा भी अपने अनुभवों तथा किए गए कार्यों को साझा किया गया। इन सभी शिक्षकों को सचिव विद्यालयी शिक्षा द्वारा सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी में सीआईईटी, एनसीईआरटी नई दिल्ली, सी एल ए पी,जिओ एंबाईब ,फिजी टेक, आईटीडीए डीए आरसी, क्यूरियस लर्निंग फाउंडेशन,स्कूल ऑफ़ टेक्नोलॉजी दून विश्वविद्यालय, अगस्त्या इंटरनेशनल फाउंडेशन, आईडीकेए एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड, एस सीईआरटी उत्तराखंड के पीएम ई विद्या प्रकोष्ठ और भारत स्काउट एंड गाइड द्वारा लगाए गए विभिन्न पंडालों के माध्यम से शिक्षा में तकनीकी, पठन पाठन के नए तौर तरीकों, उपयोगी शैक्षिक प्रसारणों, विज्ञान आधारित प्रयोगों, वर्चुअल लैब, ड्रोन तकनीकी आदि का प्रदर्शन किया गया।

विद्यार्थियों के प्रस्तुतीकरणों के निर्णायक मंडल में प्रोफेसर महेश मनचंदा,ग्राफिक इरा विश्वविद्यालय, रमेश चंद्र, प्रधानाचार्य राजकीय पॉलिटेक्निक गजा टिहरी गढ़वाल तथा सुगंधा शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर पेट्रोलियम विश्वविद्यालय देहरादून ने योगदान दिया।
निर्णायकों द्वारा विद्यार्थियों के प्रस्तुतीकरण, प्रदर्शित सामग्री और उसकी उपादेयता के आधार पर परिणाम घोषित किए गए।

  • वर्ग ‘ ए’ से राजकीय इंटर कॉलेज नागराजाधार, टिहरी के छात्र प्रिंस ने प्रथम, राजकीय इंटर कॉलेज सेंधीखाल,पौड़ी के आदित्य रावत ने द्वितीय तथा राजकीय इंटर कॉलेज छिद्दरवाला, देहरादून की छात्रा सौम्या वर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
  • वर्ग ‘ ब ‘ में अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज रुद्रपुर उधम सिंह नगर के देवा विश्वास ने प्रथम,राजकीय इंटर कॉलेज छिद्दरवाला की अक्षिता ने दूसरा तथा मारवाड़ कन्या पाठशाला रुड़की, हरिद्वार की राबिया ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
  • वर्ग ‘ सी ‘ में राजकीय इंटर कॉलेज सेंधीखाल, पौड़ी के सुदर्शन ने प्रथम,राजकीय इंटर कॉलेज रणाकोट, टिहरी गढ़वाल की शीतल रावत ने द्वितीय तथा राजकीय इंटर कॉलेज बागेश्वर के नीरज भंडारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम के समापन सत्र में निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड सीमा जौनसारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा में तकनीकी के समावेश के उत्कृष्ट उदाहरण इस मेले में सभी छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने सबके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से तकनीक के प्रति जागरूकता और शिक्षण में रोचकता की वृद्धि होगी। निदेशक द्वारा सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. अजय नौडियाल ने सभी अतिथियों, प्रतिभागी विद्यार्थियों, और एस्कॉर्ट शिक्षकों का स्वागत किया तथा आयोजन में सहयोग लिए अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ मोहन सिंह बिष्ट, रितिक, रितिका ,भूमि तथा अखिलेश ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल,अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. अजय नौडियाल, अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डा. मुकुल कुमार सती,उप निदेशक मेहरबान सिंह बिष्ट, पीके बिष्ट ,हिमानी बिष्ट ,शैलेंद्र अमोली, कुंवर सिंह रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून प्रदीप कुमार, नरवीर सिंह बिष्ट, आकाश सारस्वत, अम्बरीश बिष्ट,राज्य समन्वयक अजीम प्रेमजी फाउंडेशन,कैलाश डंगवाल, एस्कॉर्ट शिक्षकों पंकज बिजल्वाण, सतीश चंद्र जोशी,रमेश आदि के अलावा विद्यालयी शिक्षा विभाग, एस.सी.ई.आर.टी. के अधिकारी, डायट शिक्षक,स्थानीय विद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे।

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