केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उत्तराखंड में किया विद्या समीक्षा केंद्र सहित कई योजनाओं का शुभारंभ,शिक्षा के क्षेत्र में शुरू हुए अभिनव कार्यक्रम…

शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड ननूरखेड़ा ,देहरादून में आयोजित एक भव्य समारोह में आज भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शिक्षामंत्री धन सिंह रावत और कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में विद्या समीक्षा केंद्र, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों एवं पीएम श्री विद्यालयों के शिलान्यास के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में कई कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ किया गया।

उत्तराखंड राज्य के शिक्षा निदेशालय में निर्मित विद्या समीक्षा केंद्र के उद्घाटन में बतौर मुख्य अतिथि धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने विद्या समीक्षा केंद्र के उद्घाटन के अतिरिक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय के भवनों का तथा राज्य में 141 पी एम श्री विद्यालयों का भी शिलान्यास किया।

Central education minister inaugurated vidya samiksha kendra uttarakhand many other schemes launched

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड से उनका बहुत पुराना लगाव रहा है।देवभूमि उत्तराखंड उन्हें अपने गृह राज्य से भी अधिक प्रिय है। विद्या समीक्षा केंद्र मॉडल की प्रेरणा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के डेटा-आधारित शिक्षा के विज़न पर आधारित है और इस मॉडल को सबसे पहले प्रधानमंत्री जी ने स्वयं पिछले वर्ष गुजरात में लांच किया था ।शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विद्या समीक्षा केंद्र का विधिवत शुभारंभ करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है।

उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए रीयलटाइम आंकड़ों को प्रदर्शित करेगा। छात्र, अध्यापक उपस्थिति, विद्यार्थी आकलन,समस्या समाधान आदि सभी क्षेत्रों को समावेशित कर यह केंद्र राज्य की विद्यालयी शिक्षा की 360 डिग्री जानकारी देने में सक्षम होगा।

पीएम श्री विद्यालय होंगे शिक्षा के अभिनव केंद्र

केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों का यह देश विश्वगुरु रहा है।भारत की नई शिक्षा नीति पूरे विश्व के लिए उदाहरण बनेगी। इसके अंतर्गत उत्तराखंड में स्थापित केंद्र सहायित 141 पी एम श्री विद्यालयों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सभी सुविधाओं से युक्त ये विद्यालय शिक्षा के अभिनव केंद्र बनेंगे, भविष्य में इनका और अधिक विस्तार किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षा तथा कौशल विकास के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य की वित्तीय सहायता में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

उच्च शिक्षा को भी मिली सौगातें

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर विद्यालय शिक्षा में चल रहे अभिनव प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र से राज्य की शिक्षा व्यवस्था की कुशल मॉनिटरिंग के साथ-साथ भविष्य में शिक्षकों के ऑनलाइन नियुक्तियां व स्थानांतरण आदि भी संभव हो सकेंगे। इसके अतिरिक्त उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना एवं मुख्य शिक्षा मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के शुभारंभ की भी जानकारी दी उन्होंने बताया कि शोध हेतु शोध परियोजनाओं को 15 से 18 लाख रुपए तक की सहायता स्वीकृत की जाएगी इसी प्रकार उच्च शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए मेधावी छात्रों को मासिक छात्रवृत्ति प्रदान करने की भी व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त प्रतिवर्ष एनडीए,आई एम ए, लोक सेवा आयोग आदि की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 50000 रुपए से बढ़ाकर 100000 रुपए करने की भी घोषणा मुख्यमंत्री ने की। इस अवसर पर इस योजना के अंतर्गत कई सफल अभ्यर्थियों को पचास – पचास हजार रुपए के चेक देकर पुरस्कृत भी किया गया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पहल करने वाला पहला राज्य है उत्तराखंड

उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कार्य उत्तराखंड सरकार ने पूरे देश में सर्वप्रथम प्रारंभ किया। हमें खुशी है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सर्वप्रथम उत्तराखंड से ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा लागू किया गया था । इसी प्रकार आज पीएम श्री विद्यालयों का विधिवत उद्घाटन करने वाला पहला राज्य भी उत्तराखंड बन गया है । उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को विश्वास दिलाया की आने वाले समय में भी उत्तराखंड द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास किए जाते रहेंगे।

कैसे काम करेगा विद्या समीक्षा केंद्र

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं अन्य अथितियों ने विद्या समीक्षा केंद्र की कार्यप्रणाली का विस्तृत अवलोकन किया। इस केंद्र में कनवेजीनियस (ConveGenius) द्वारा विकसित स्विफ्टचैट (SwiftChat) चैटबॉट प्लेटफॉर्म के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमता (AI) पर आधारित वास्तविक समय में निगरानी की सुविधाएँ शामिल हैं। ConveGenius के कोफाउंडर,शशांक पांडे ने बताया कि इस केंद्र के माध्यम से उचित और आसान टेक्नोलॉजी का शिक्षा में प्रतिदिन उपयोग संभव होगा और प्रदेश में डेटा प्रेरित निर्णय लेने की पहल शुरू होगी। विद्या समीक्षा केंद्र सभी जिलों, ब्लॉकों और स्कूलों के लिए डैशबोर्ड और चैटबॉट पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इस जानकारी से विद्यार्थियों की प्रगति, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल से जुड़े सभी पहलुओं पर शिक्षा विभाग की नज़र रहेगी। शिक्षक भी डेटा के अनुसार अपनी शिक्षण रणनीतियों में संशोधन कर सकते हैं, जिससे हर विद्यार्थी की जरूरत पर ध्यान दिया जा सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ द्वारा तथा संचालन अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखंड डा. मुकुल कुमार सती एवं स्टाफ ऑफिसर समग्र शिक्षा बी पी मैंदोली द्वारा किया गया।

इस अवसर पर राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, सचिव भारत सरकार विपिन कुमार, उत्तराखंड उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली,सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, उच्च शिक्षा निदेशक डा. सी डी सुंठा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल सहित शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारी, क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि, राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान, महामंत्री रमेश पैन्यूली व अन्य शिक्षक प्रतिनिधि,स्थानीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक, अभिभावक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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