इन छात्राओं ने कर दिया कमाल। जनपद स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी में मारी बाजी ..

जनपद देहरादून की विज्ञान संगोष्ठी 2022 का आयोजन आज राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अजबपुर कलां देहरादून में किया गया। सतत विकास के लिए बुनियादी विज्ञान चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर

इस अधिकारी की छवि के मुरीद हैं लोग..आई ए एस कैडर मिलने के बाद कार्यालय पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत

महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड बंशीधर तिवारी उत्तराखंड में एक कुशल प्रशासक, सहृदय, संवेदनशील, शिक्षाविद, बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। आई ए एस कैडर मिलने पर पहली बार कार्यालय पहुंचने पर विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत महानिदेशालय, माध्यमिक शिक्षा, प्रारम्भिक शिक्षा, समग्र शिक्षा, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, सीमैट एवं एससीईआरटी के अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।

ब्लाक स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन, कु. जिकरा ने प्राप्त किया प्रथम स्थान, सिमरन और अपूर्वा रही दूसरे और तीसरे स्थान पर

देहरादून के रायपुर ब्लॉक स्तर पर आयोजित विज्ञान संगोष्ठी का आयोजन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कारगी में किया गया ।संगोष्ठी में कई बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। जिनमें राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कारगी की कुमारी जिकरा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। राजकीय बालिका राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अजबपुर कलां की सिमरन शर्मा दूसरे व राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड देहरादून की अपूर्वा वशिष्ठ तीसरे स्थान पर रही।

21st century skill| इक्कीसवीं शताब्दी के कौशलों पर होगा शिक्षकों का प्रशिक्षण

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत इक्कीसवीं शताब्दी के कौशल पर प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन मॉड्यूल निर्माण की चार दिवसीय कार्यशाला का प्रारम्भ आज सहकारी प्रबंधन संस्थान, राजपुर, देहरादून में किया गया। रूम-टु-रीड संस्था इस कार्यशाला में सहयोग प्रदान कर रही है। कार्यशाला में प्रदेश के डायट्स के शिक्षक प्रशिक्षक तथा रूम- टु-रीड के सदस्य प्रतिभाग कर रहे हैं।

गिरीश तिवारी गिर्दा | लोक के स्वर की अनुगूँज | | girish tiwari girda in hindi|girda biography|poem of girda

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गिरीशचंद्र तिवारी गिर्दा के साथ भेंट करने का अवसर मुझे उस समय मिला, जब मैं उत्तराखंड राज्य की नवीन पाठ्य पुस्तकों के लेखन के क्रम में प्राथमिक कक्षाओं हेतु गणित विषय की पुस्तकें लिख रहा था। मुझे याद है ऋषिकेश उत्तराखंड के एक प्रसिद्ध गेस्ट हाउस में हमारे लेखन मंडल के अनेक सदस्य ठहरे हुए थे। उस समय प्रदेश स्तरीय एक विशेष समिति के सदस्य के रूप में गिर्दा को भी आमंत्रित किया गया था । गिर्दा के नाम से परिचय तो पहले से था, लेकिन गिर्दा से मिलने,उनके साथ रहने का अवसर उसी लेखन कार्यशाला के दौरान मिला । गिर्दा को करीब से जानने का अवसर मिला तो लगा जैसे जमीन से जुड़ा लोक जीवन का कोई चितेरा हमारे साथ हो। सरल व्यक्तित्व और फक्कड़ जीवन की प्रतिमूर्ति गिर्दा की वह छवि मुझे आज भी याद है।