21st century skill| इक्कीसवीं शताब्दी के कौशलों पर होगा शिक्षकों का प्रशिक्षण

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत इक्कीसवीं शताब्दी के कौशलों पर प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल का निर्माण किया जा रहा है।इस हेतु चार दिवसीय कार्यशाला का प्रारम्भ आज सहकारी प्रबंधन संस्थान, राजपुर, देहरादून में किया गया। रूम-टु-रीड संस्था के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में प्रदेश के डायट्स के शिक्षक प्रशिक्षक तथा रूम- टु-रीड के सदस्य प्रतिभाग कर रहे हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, उत्तराखण्ड सीमा जौनसारी ने कहा कि वर्तमान समय में ज्ञान के परिदृश्य में विश्व तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है जिससे समाज की आवश्यकताएं तथा माँग में भी बदल रही हैं। शिक्षा ही एकमात्र ऐसा माध्यम है जो इन बदलती आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सहायक है। वर्तमान में रोजगार और वैश्विक पारिस्थितिकी में तेजी से आ रहे परिवर्तनों के कारण यह आवश्यक हो गया है कि बच्चों को जो कुछ सिखाया जा रहा है वे उसे तो सीखें ही साथ ही वे सतत सीखने की कला को भी सीखें। इसके लिए बच्चों में 21वीं सदी के कौशलों का विकास करना आवश्यक है। कोविड-19 महामारी के कारण ऑनलाइन प्रशिक्षण का महत्व और भी बढ़ गया है।

          एस.सी.ई.आर.टी. के अपर निदेशक डॉ. आर.डी. शर्मा ने कहा कि जीविकोपार्जन, रोजगार प्राप्ति तथा सभ्य समाज की संकल्पना के मद्देनजर यह आवश्यक है कि बच्चे में विभिन्न कौशलों का विकास किया जाय। इन कौशलों का विकास कक्षा-शिक्षण के माध्यम से ही सम्भव है। अध्यापक को अपने कक्षा-शिक्षण में जीवन कौशलों को समाहित करना आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कक्षा-शिक्षण के माध्यम से बच्चों में परस्पर संवाद, सहयोग, सामूहिक कार्य तथा जीवन में परिस्थितिनुसार परिवर्तन को स्वीकार करना जैसे जीवन कौशलों के विकास के लिए अवसर पैदा करने पर बल दिया गया है। यह भी बताया गया कि सतत मूल्यांकन को भी कौशल आधारित करने पर बल दिया गया है। इस हेतु एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा 21वीं सदी के कौशलों पर प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल का विकास किया जा रहा है। यह राज्य के द्वारा विकसित किया जाने वाला पहला ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल है।

कार्यशाला में एस.सी.ई.आर.टी. की संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत 21वीं सदी के कौशलों की आवश्यकता को विस्तार से स्पष्ट किया तथा बताया कि यह प्रशिक्षण मॉड्यूल 6 घण्टे की अवधि का होगा। शिक्षक इसे अपनी रूचि और समय के अनुसार पूर्ण करेंगे। यह कक्षा शिक्षण के माध्यम से बच्चों में विभिन्न कौशलों के विकास में मदद करेगा।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राकेश गैरोला ने कार्यशाला के उद्देश्यों को प्रस्तुत किया और बताया कि इस प्रशिक्षण मॉड्यूल को दीक्षा प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जायेगा। चार दिवसीय कार्यशाला में अधिगम कौशल, साक्षरता कौशल तथा जीवन कौशल पर प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन मॉड्यूल के तैयार करने के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी। मॉड्यूल निर्माण के लिए अन्य कार्यशालाएं भी की जायेंगी।

      रूम-टु-रीड की बालिका शिक्षा कार्यक्रम की निदेशक नीनी मेहरोत्रा ने जीवन कौशल के उद्देश्यों और इक्कीसवीं सदी के कौशलों  की आवश्यकता के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की और इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए एस.सी.ई.आर.टी. का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर उपनिदेशक हिमानी बिष्ट, डॉ. रमेश पन्त, अखिलेश डोभाल, अनुज्ञा पैन्यूली, निशा जोशी, अक्षय तथा नितिन कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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