उत्तराखंड के राजकीय विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश अवधि में बच्चों को मनोरंजक ढंग से सृजनशीलता और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखंड बंशीधर तिवारी के निर्देशन में ननूरखेड़ा स्थित वर्चुअल लैब के माध्यम से आज प्रदेश भर के बच्चों के लिए वर्चुअल समर कैंप की शुरुआत की गई।
आज दिनांक 27 मई से आरंभ हुआ यह समर कैंप 07 जून तक समग्र शिक्षा के अन्तर्गत वर्चुअल स्टुडियो के माध्यम से जारी रहेगा। जिसमें प्रदेश के कोने कोने से विद्यार्थी विभिन्न विद्यालयों में स्थापित वर्चुअल लैब के माध्यम से प्रतिभाग करेंगे।
वर्चुअल समर कैम्प का उद्घाटन आज मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोक गायक पद्मश्री डॉ० प्रीतम भरतवाण द्वारा किया गया। डॉ० प्रीतम भरतवाण ने वर्चुअल माध्यम से उत्तराखण्ड के विभिन्न वर्चुअल कक्षाओं में उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों से संवाद किया। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में बच्चों में अपार प्रतिभाएं निहित हैं, सही समय पर सही दिशा-निर्देशन से इन प्रतिभाओं को निखारा जा सकता है। उन्होंने बच्चों को जागर शैली से भी अवगत कराया तथा अपने विभिन्न प्रसिद्ध जागर एवं गानों को बच्चों के अनुरोध पर सुनाया, जिनमें सरूली मेरो जीया लगी गै जैसे गीत प्रमुख थे।
बच्चों की प्रतिभा का विकास,हमारा उद्देश्य: सती
अपर राज्य परियोजना निदेशक डा. मुकुल कुमार सती ने बताया कि समग्र शिक्षा उत्तराखंड द्वारा आयोजित इस समर कैम्प का मुख्य उददेश्य बच्चों के अन्दर छिपी हुई प्रतिभा को उजागर करना है। उन्होंने बच्चों तथा शिक्षकों के साथ साथ अभिभावकों का भी आह्वान करते हुए कहा कि तकनीक के इस दौर में अधिक से अधिक संख्या में जुड़कर इस आयोजन का लाभ उठाएं।उन्होंने बताया कि आज के कार्यक्रम में राज्य के 395 विद्यालयों में स्थित वर्चुअल स्टुडियों के माध्यम से लगभग 11850 बच्चों एवं 790 शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन बी०पी० मैन्दोली, स्टाफ ऑफिसर द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मदन मोहन जोशी, उप राज्य परियोजना निदेशक, अजीत भण्डारी, उप राज्य परियोजना निदेशक, पल्लवी नैन, उप राज्य परियोजना निदेशक, अंजुम फातिमा, उप राज्य परियोजना निदेशक,हिमांशु रावत, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पूनम, राज्य समन्वयक आदि उपस्थित थे।