उत्तराखंड राज्य के एससीईआरटी और डायट के शिक्षक प्रशिक्षकों ने देहरादून में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला में अनुसंधान कौशलों से संबंधित प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।
एस.सी.ई.आर.टी एवं डायट्स के शिक्षक प्रशिक्षकों को एस.पी.एस.एस. एवं अनुसंधान कौशलों पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न। आज एस.सी.ई.आर.टी एवं डायट्स में कार्यरत शिक्षक प्रशिक्षकों हेतु प्रोग्राम एवं माॅनिटरिंग विभाग, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड दून विश्वविद्यालय, देहरादून में दिनाॅक 02 अगस्त 2023 से प्रारम्भ 06 अगस्त 2023 तक आयोजित पाॅच दिवसीय कार्यशाला Use of SPSS in Research and Data Analysis विषय पर सम्पन्न हुई।
इस कार्यशाला में प्रतिभागियों के द्वारा विभिन्न राज्यों एवं राष्ट्रीय स्तरीय संस्थानों से आये संन्दर्भदाताओं के द्वारा अनुसंधान की प्रक्रिया में कम समय, श्रम एवं धन के प्रयोग से बिना किसी त्रुटि के आकड़ों का विश्लेषण एवं उसके निवर्चन एस.पी.एस.एस साॅफ्टवेयर कैसे किया के बारिकीयों के कौशलों से अपने को विकसित एवं दक्ष बनाया।
इस अवसर पर निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड वंदना गर्ब्याल के द्वारा प्रतिभागियों को जनपद स्तर पर शैक्षिक समस्याओं को गहराई से समझनें एवं उसके मूल कारणों को खोजने एवं उसके समाधान हेतु पूरी संवेदनशीलता के साथ गुणवत्तापूर्णं अनुसंधान पर फोकस करने हेतु प्रतिभागियों को जोर दिया।
कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रतिभागियों को शोध कार्यो और एस.पी.एस.एस में दक्ष बनने हेतु प्रतिभागियों को लगाातार विभिन्न साख्यिकीय विधियों एवं तकनीकों को समझनें एवं उसके अनवरत अभ्यास पर अपर निदेशक एस.सी.ई. आर.टी.उत्तराखण्ड के द्वारा जोर दिया गया। संयुक्त निदेशक प्रोग्राम एवं मानीटरिंग विभाग ने प्रतिभागियों को समाज के समस्याओं को अनुसंधान के नजरियें से देखने व उसके समाधान पर जोर दिया।
कार्यक्रम समन्वयक डाॅ0 अजय कुमार चौरसिया के द्वारा बताया गया कि इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों एवं राष्ट्रीय स्तरीय संस्थानों से आये विभिन्न संन्दर्भदाताओं – प्रो0 के0बी0 रथ पूर्व प्राचार्य आर.आई.ई अजमेेर, अस्सिटेंट प्रो0 डाॅ शैलेन्द्र सिंह एवं मो0 आरिफ सादिक प्रोगामर, एन.सी.ई.आर.टी. नई दिल्ली के द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया कि एस.पी.एस.एस साॅफ्टवेयर के प्रायोगिक प्रशिक्षण के द्वारा कैसे अनुसंधान की प्रक्रिया में कम समय, श्रम एवं धन के प्रयोग आकड़ों का विश्लेषण व उसका निवर्चन बिना किसी त्रुटि के कैसे सम्पन्न किया जायेगा तथा विद्यालयी शिक्षा में संचालित विभिन्न राज्य एवं राष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रमों के समय समय पर कम संसाधनों के प्रयोग से अल्प समय में उनके जमीनी स्तर पर प्रभाव का मूल्यांकन करने के साथ ही साथ शिक्षा के गुणात्मक उन्नयन में प्रभावपूर्ण तरीके से कैसे अपना योगदान दे सकेगें बताया गया। इस अवसर पर एस.सी.ई.आर.टी से डाॅ रंजन भट्ट, डाॅ राकेश गैरोला, अरविंद चैहान, प्रेरणा बहुगुणा, मनोज भाकुनी एवं डाॅ शैलेन्द्र सिंह धपोला आदि प्रतिभागी उपस्थित रहे।