Subir Raha Oil museum Dehradun| ONGC museum

(Subir Raha Oil museum Dehradun| ONGC museum, Digboi well ONGC )

देहरादून के मशहूर भ्रमण स्थलों की बात करें, तो Subir Raha Oil museum Dehradun सुबीर राहा तेल संग्रहालय देहरादून का जिक्र होना स्वाभाविक है। ONGC museum के नाम से देश-विदेश में प्रसिद्ध इस संग्रहालय की सैर मनोरंजन के साथ-साथ आपके शैक्षिक ज्ञान में भी वृद्धि करती है। हाल ही में देहरादून के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज सौड़ा सरोली के विद्यार्थियों के एक दल ने इस संग्रहालय का शैक्षिक भ्रमण किया। प्रस्तुत है, इस भ्रमण से संबन्धित , कक्षा 11 की छात्रा मानसी कोठारी की रिपोर्ट –

Subir Raha oil museum dehradun

ONGC क्या है

सबसे पहले मैं आपको यह बताना चाहूंगी कि ओएनजीसी क्या है? ओएनजीसी एक भारतीय महारत्न बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसका कार्य तेल एवं गैस की खोज एवं उत्पादन करना है। ओएनजीसी की स्थापना 14 अगस्त 1956 को भारत सरकार द्वारा की गई थी। यह देश की सबसे बड़ी तेल और गैस खोज एवं उत्पादन कंपनी है। ओएनजीसी के संस्थापक चेयरमैन केशव देव मालवीय थे , भारत में तेल एवं प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में इनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इनके बारे में हमें हमारे भ्रमण के दौरान शुरुआत में ही बता दिया गया था।

Subir Raha Oil museum Dehradun

देहरादून में ओएनजीसी का यह म्यूजियम Subir Raha Oil museum Dehradun, पटियाला के महाराज भूपेंद्र सिंह के महल में बनाया गया है। म्यूजियम के अंदर जाने के बाद हमें कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज के बारे में बताया गया कि किस तरह से मशीनों के द्वारा समुद्र के अंदर पाइप लाइन बिछाई जाती है और समुद्र से तेल को निकाला जाता है। म्यूजियम के प्रबंधक श्री केबी विनोद द्वारा ओएनजीसी एवं तेल मार्केटिंग कंपनियों में कैरियर संभावनाओं के विषय में भी विस्तार से बताया गया। वहां पर हमें नोबेल ब्रदर्स के बारे में भी बताया गया जिनके नाम पर आज के समय में नोबेल पुरस्कार भी मिलता है। इस म्यूजियम को सुबीर राहा ऑयल म्यूजियम के नाम से भी जाना जाता है ।हमें जानकारी देते हुए यह भी बताया गया कि समुद्र के अंदर डाले गए बैरल 159 लीटर के होते हैं, अर्थात एक बैरल तेल का मतलब 159 लीटर होता है। जॉर्ज बिसेल George Bissell को Father of the Petroleum Industry फादर ऑफ ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। यह म्यूजियम इतना बड़ा था कि घूमते घूमते हम कहां से कहां पहुंच गए, कुछ पता ही नहीं चला। इसी बीच हमें यह भी जानकारी दी गई कि दुनिया की सबसे लंबी पाइपलाइन अलास्का में है, जिसका उपयोग समुद्र से कच्चा तेल निकालने के लिए किया जाता है ।

Colour theory in hindi|How colours are seen| 90% लोग नहीं जानते रंगों का विज्ञान

Digboi well कैसे हुई भारत में तेल के पहले कुंए की खोज

भारत में तेल की खोज का भी एक रोचक किस्सा है । हमें यह जानकारी भी मिली कि भारत में पेट्रोल की खोज किस प्रकार हुई। आज से कई वर्षों पहले जब मशीनों के द्वारा काम नहीं किया जाता था तो कारीगर हाथी के ऊपर बैठकर सामान लाया करते थे। एक बार जब हाथी के ऊपर बहुत भारी सामान लदा हुआ था, तो हाथी का एक पैर जमीन के अंदर धंस गया। वहां पर जब सभी कारीगर एकत्रित हुए तो उन्होंने देखा कि जहां पर हाथी का पैर धंसा है वहां की मिट्टी चिपचिपी थी। यह देखकर अंग्रेज अधिकारियों ने कारीगरों से कहा – Hey boy, dig this point. मतलब इस जगह को खोदना शुरू कर दो ताकि पता चल सके कि यह चिपचिपा सा क्या है। इसी खुदाई के परिणाम स्वरूप पेट्रोल तथा कच्चे तेल की खोज हुई। तब से इस जगह का नाम Digboi well (डिगबोई वेल) पड़ गया जो कि असम में भारत का पहला तेल का कुआं है।

यह भी पढ़ें हरिराम मिश्र चंचल | क्रांतिकारी पत्रकार जो आज तक लापता है |Hariram mishra chanchal in hindi|गढ़वाल की दिवंगत विभूतियाँ

फिल्म में दिखा, कैसे निकलता है कच्चा तेल

अंत में हमें एक फिल्म भी दिखाई गई जिसमें बताया गया कि कच्चे तेल को समुद्र से किस तरह निकाला जाता है।

हमें अपने इस शैक्षणिक भ्रमण पर बहुत मजा आया तथा बहुत कुछ नया सीखने को मिला और यह सब हो पाया सिर्फ हमारे विद्यालय और टीचर्स की वजह से।

( मानसी कोठारी अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज सौड़ा सरोली, देहरादून में कक्षा 11, विज्ञान वर्ग की छात्रा हैं।)

Leave a Comment

%d