राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड के राज्य संदर्भ समूह गणित की प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ आज सीमेंट सभागार नानूर खेड़ा देहरादून में हुआ कार्यशाला में आज प्रसिद्ध गणितज्ञ और एससीईआरटी हरियाणा के निदेशक सुनील बजाज ने गणित विषय के शिक्षण पर विस्तृत चर्चा की।
सीमैट सभागार देहरादून में आज एससीईआरटी उत्तराखंड के शैक्षिक शोध सर्वे एवं मूल्यांकन विभाग द्वारा आयोजित चार दिवसीय राज्य संदर्भ समूह गणित प्रशिक्षण कार्यशाला प्रारंभ हुई।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अपर निदेशक एससीईआरटी अजय कुमार नौडियाल ने कहा कि गणित विषय जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समावेशित है,लेकिन फिर भी इसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गणित के प्रति जागरूकता के अभाव में कई गलत धारणाएं भी प्रचलित हो गई हैं। हमारे विद्यालयों में बालिकाओं का रुझान गणित के प्रति कम देखने को मिलता है। इस दिशा में गणित शिक्षक का दायित्व और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। गणित को रोचक और सरल तरीके से पढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी ने कहा कि राज्य संदर्भ समूह से विद्यालयी शिक्षा विभाग को यही अपेक्षा है कि इसके सदस्य गणित विषय के शिक्षण को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करें।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में राज्य स्तर पर की गई इस कार्यशाला का लाभ जब प्रत्येक छात्र को मिल सकेगा, तभी हम अपने उद्देश्य में सफल हो सकेंगे।
कार्यशाला समन्वयक डा. मनोज कुमार शुक्ला ने कार्यशाला के उद्देश्यों और कार्ययोजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में गणित शिक्षण के तौर तरीकों में बदलाव की आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जनपदों से डायट प्रवक्ता, गणित शिक्षक और आमंत्रित विशेषज्ञ इस कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे हैं।
इसके पश्चात प्रसिद्ध गणितज्ञ और एससीईआरटी हरियाणा के निदेशक सुनील बजाज ने गणित की कक्षा में चुनौतीपूर्ण अभ्यास प्रश्नों के विभिन्न प्रकारों पर चर्चा की। उन्होंने कई प्रकार की पहेलियों, प्रश्नों और उदाहरणों का प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि गणित विषय के शिक्षण को किस प्रकार रोचक और प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शरीर को मजबूत बनाने के लिए शारीरिक व्यायाम की आवश्यकता होती है इस प्रकार प्रश्नों में भिन्नता और चुनौतियों का समावेश करके बच्चों की दिमागी कसरत कराकर उनके सोचने समझने, चिंतन करने, और समस्या समाधान करने के कौशलों को विकसित किया जा सकता है। उन्होंने स्वयं के द्वारा विकसित हरबंस पहेलियों और कश्मीरी अमृत पहेलियों की भी विस्तार से जानकारी दी। इन पहेलियों का उपयोग गणित के अतिरिक्त अन्य विषयों में भी व्यापक रूप से किया जा सकता है।
प्रथम दिवस के अंतिम सत्र में डायट टिहरी से प्रवक्ता मीनाक्षी त्यागी और डा.मनवीर नेगी ने अपने जिला संदर्भ समूह द्वारा किए गए कार्यों का वार्षिक प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में एससीईआरटी से प्रवक्ता राकेश रावत, भुवनेश पंत, डायट एवं विद्यालयों से राज्य संदर्भ समूह गणित के सदस्य विशेषज्ञ शिक्षक दीपिका पंवार, नवीन चंद्र नौटियाल, प्रदीप बहुगुणा, प्रदीप चमोली, संदीप कुकरेती, महावीर प्रसाद सेमवाल, विनोद बसेड़ा,मनोज भाकुनी आदि प्रतिभाग कर रहे हैं।
बेहतरीन कार्य।
आशा करता हूँ कि सभी प्रतिभागियों के माध्यम से इसका लाभ सभी गणित शिक्षकों तक पहुंचेगा।