उत्तराखंड राज्य के प्रारम्भिक कक्षाओं के शिक्षकों के लिए एससीईआरटी द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा नियमों से संबंधित प्रशिक्षण साहित्य परिशोधन कार्यशाला का आज समापन हो गया है।
कार्यशाला के समापन सत्र में आर.टी.ओ. देहरादून शैलेश तिवारी ने कहा कि सड़क के नियमों का ज्ञान न होने तथा लापरवाही से सड़क पर चलने वाले लोगों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। इसलिए देश के हर नागरिक को सड़क सुरक्षा की जानकारी का होना जरुरी है, विद्यालय समाज की महत्वपूर्ण इकाई है। हर बच्चे को प्रारम्भ से ही सड़क सुरक्षा की जानकारी दी जानी चाहिए जिससे वह स्वयं भी सुरक्षित रहे तथा समाज में भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता फैलाएं।
सड़क सुरक्षा के राज्य समन्वयक विनय थपलियाल ने कहा शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा प्रशिक्षण साहित्य को अंतिम रुप दिया जा रहा है। इसमें यातायात के नियम सड़क संकेतक व वाहन पंजीकरण और लाईसेंस दुपहिया और चार पहिया वाहन चालकों के लिए सावधानियां आदि बिन्दुओं को शामिल किया गया है।
सन्दर्भदाता के रुप में डॉ. उमेश चमोला तथा डॉ. दिनेश रतूडी ने कहा कि बच्चें देश कर्णधार है उनके जीवन को बचाने के लिए उन्हें प्रारम्भ से ही सड़क सुरक्षा के महत्व से परिचित कराया जाना चाहिए। कई बार किशोर बच्चें अति उत्साह में आकर सड़क के नियमों की अनदेखी करते है और अपने जीवन को खतरे में डालता है। बच्चों को वीडियो और जागरुकता सामग्री के माध्यम से सचेत किया जा रहा है।
कार्यशाला में विशेषज्ञ के रुप में मधुबाला रावत, डॉ॰ उमेश चमोला, डॉ. हरेन्द्र सिंह अधिकारी, डॉ. रमेश पन्त, रेनु चौहान, मनोज महार, दिनेश रावत, मनोधर नैनवाल, ऋतु कुकरेती, रीना डोभाल, रश्मि पोखरियाल, ने भाग लिया।