कौशलम् पाठ्यक्रम से खुलेगी उद्यमिता की राह, विद्यालयों में लागू होगा यह पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यशाला हुई आरंभ

Kausahlam curriculam to implement in schools of uttarakhand

उत्तराखंड के राजकीय विद्यालयों में बच्चों को उद्यमिता विकास से जोड़ने के लिए व्यवसायिक शिक्षा से संबंधित कौशलम् पाठ्यक्रम आरंभ किया जा रहा है। इसकी तैयारी हेतु देहरादून में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कौशलम् से संबंधित राज्य संदर्भ समूह तथा संदर्भदाता प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम आज राज्य जनजातीय अनुसंधान सह सांस्कृतिक केंद्र एवं संग्रहालय देहरादून में प्रारंभ हुआ। जिसमें राज्य स्तरीय संदर्भ दाताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए एस.सी. ई.आर. टी उत्तराखंड की संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि व्यवसायिक शिक्षा को धरातल पर लागू करने के लिए ये आवश्यक है कि बच्चों में उद्यमशील मानसिकता का विकास हो इसके लिए शिक्षकों को बच्चों कि रुचि को पहचान कर उन्हें अपनी रुचि से संबंधित उद्यम के लिए तैयार करना है। वर्तमान में बदलती हुई परस्थितियों में बच्चों में इक्कीसवीं सदी के कौशलों का विकास किया जाना आवश्यक है।

उपनिदेशक एस.सी. ई.आर. टी दिनेश शाह ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में व्यवसायिक शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कौशल पाठ्यचर्या बच्चों को बचपन से ही व्यवसायिक शिक्षा की ओर उन्मुख करने की दृष्टि से उपयोगी है।

कार्यशाला में आए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उपनिदेशक एस.सी. ई.आर. टी किरण बहुखंडी ने कहा कौशलम् जीवन से जुड़ा शब्द है हमें बचपन से ही विषयों के चयन में बच्चों कि रुचि का ध्यान रखना चाहिए। शिक्षक का कर्तव्य है कि वह बच्चों में सीखने कि ललक पैदा करे तथा उनकी जिज्ञासाओं को जागृत करे।

कार्यशाला में उपस्थित हरीश मनवानी – नॉर्थ लीड ऑपरेशन- उद्यम लर्निंग फाउंडेशन ने कहा कि असफलताओं के बीच कैसे धैर्य के साथ हम आगे बढ़ें इस बात की प्रेरणा बच्चों को प्रारंभ से ही दी जानी चाहिए उन्होंने कहा कि कौशलम् पाठ्यचर्या का मुख्य उद्देश्य वर्तमान बदलती हुई दौर के लिए बच्चों को तैयार करना है जिससे वह अपने रुचियों के आधार पर रोजगार के अवसरों की तलाश कर सकें।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजेश खत्री प्रवक्ता एस.सी. ई.आर. टी ने कहा कि हम प्रायः शिक्षा को नौकरी प्राप्त करने का माध्यम मान लेते हैं इस धारणा को तोड़ा जाना चाहिए और बच्चों में बचपन से ही उद्यमी मानसिकता का विकास किया जाना चाहिए। कौशलम् कार्यक्रम बच्चों को उनके चारों और रोजगार की संभावनाओं को पहचान कर रोज़गार सृजन पर ज़ोर देता है।

सोहन नेगी प्रवक्ता एस.सी. ई.आर. टी ने कुछ उद्यमियों का उदहारण देते हुए बताया कि उन्होंने कई बार असफलता का सामना किया लेकिन वह लगातार संघर्ष करते रहे और अंत में उन्हें सफलता प्राप्त हुई।

इस कार्यक्रम में उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के विशेषज्ञ दिनेश सिंह ने उपस्थित बच्चों तथा शिक्षकों के कौशलम् कार्यक्रम के बारे में विचार आमंत्रित किए।

आज के सत्र में जी.आई.सी मियांवला, जी.आई.सी नथुवावाला, जी.जी. आई.सी कौलागढ़, जी.जी.आई.सी अजबपुर कलां, जी.आई.सी सहदेवपुर के शिक्षक और विद्यार्थियों ने कौशलम् कार्यक्रम के बारे में अपने अनुभव साझा किए।

तीन दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों में श्री सुनील भट्ट , डा. राकेश गैरोला, नीलम पंवार, अखिलेश डोभाल, शुभ्रा सिंघल, डा. उमेश चमोला, डा. रमेश पंत, दिनेश चौहान, डा. दिनेश रतूड़ी, डा. मनोज कुमार शुक्ला, प्रिया गुसाईं, देवराज राणा, अनुज्ञा पैन्यूली, चेष्ठा शर्मा, नेहा, कीर्तिमान, हिमानी, तनुज, ममता, आलोक मास्टर ट्रेनर के रूप में भाग लेंगे।

इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों तथा डाइट के विशेषज्ञों के द्वारा जिला स्तर प्रशिक्षण चलाया जाएगा।

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