राजकीय विद्यालय के छात्र कार्तिकेय की बड़ी उपलब्धि:भारतीय विज्ञान संस्थान के विज्ञान संवर्धन कार्यक्रम में करेंगे प्रतिभाग

कहा जाता है कि बहता हुआ पानी और व्यक्ति की प्रतिभा अपना रास्ता स्वयं खोज लेती है। यह बात शत-प्रतिशत लागू होती है राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज थराली चमोली के छात्र कार्तिकेय पर।

उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में कार्तिकेय कुंवर को भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरू में आयोजित होने वाले विज्ञान संवर्धन कार्यक्रम (एसईपी) SEP@IISc- 2024 में प्रतिभाग हेतु चुना गया है।

Kartikey to participate in sep 2024 at iisc bengluru

साधारण परिवार में जन्मे सत्रह वर्षीय कार्तिकेय के पिता एक छोटी सी दुकान चलाते हैं, और माता गृहणी हैं। बचपन से ही मेधावी छात्र रहे कार्तिकेय जीएमआईसी थराली में पढ़ रहे हैं। हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में उन्होंने गणित में 100 में से 100 अंक और विज्ञान में 98 अंक हासिल करके उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में छठा स्थान हासिल किया था। फिलहाल वे 12वीं कक्षा में है और पूरी लगन से जेईई परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि रखने वाले  कार्तिकेय भविष्य में एयरोस्पेस इंजीनियर बनना चाहते हैं और आईआईटी मद्रास के माध्यम से अपना करियर बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने ऑनलाइन परीक्षा और साक्षात्कार राउंड में बड़ी सफलता हासिल की और देश भर से चयनित छात्रों के बीच शीर्ष स्कोर प्राप्त कर आईआईएससी बैंगलोर में 15 मई से 15 जून तक होने वाले एसईपी कार्यक्रम में प्रवेश हेतु अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया।

एसईपी कार्यक्रम का उद्देश्य कार्तिकेय जैसे उच्च उपलब्धि वाले छात्रों को अत्याधुनिक एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के क्षेत्र में नवाचार हेतु मंच प्रदान करना है। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को आईआईएससी के प्रतिष्ठित प्रोफेसरों और संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन के साथ कई  परियोजनाओं में भागीदार होने का अवसर मिलेगा।

इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम हेतु कार्तिकेय के चयन की अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, उत्तराखंड की  निदेशक  बंदना गर्ब्याल ने सराहना की है और   उन्हें बधाई दी और अन्य छात्रों को प्रेरित करने के लिए ऐसी सफलता की कहानियों के प्रचार प्रसार  पर जोर दिया। जीएमआईसी के प्रिंसिपल महिपाल सिंह ने बधाई दी और जरूरत पड़ने पर मदद का आश्वासन दिया है।


कार्तिकेय के मेन्टर शिक्षक, एससीईआरटी के आईटी विभाग के प्रवक्ता रमेश बडोनी ने कार्यक्रम में भागीदारी के लिए उनकी सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, अगस्त्य और नवम फाउंडेशन के सीईओ नितिन देसाई ने कार्तिकेय की यात्रा के लिए धन और व्यक्तिगत समर्थन देने  का वादा किया है। देश भर में कार्तिकेय जैसे कई योग्य छात्रों को सहायता प्रदान करने में देसाई के प्रयास महत्वपूर्ण रहे हैं। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के अम्बरीष बिष्ट ने भी अपने संदेश मे कहा कि यदि जरूरत हुई तो उनकी फाउंडेशन कार्तिकेय को अवश्य सहयोग करेगी।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक और आईआईएससी की प्रोफेसर भगवती जोशी ने भी रमेश बडोनी से वार्ता कर कार्तिकेय को हरसंभव मदद देने के लिए अपनी सहमति दी है। उत्तराखंड के चमोली जिले की रहने वाली प्रोफेसर जोशी सिलिकॉन वैली, कैलिफोर्निया में काम करने के बाद अपने देश की सेवा करने के लिए भारत लौटे हैं।

अपर निदेशक एससीईआरटी अजय नौडियाल एवं अन्य शिक्षा अधिकारियों ने भी कार्तिकेय को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उनकी सफलता पूरे उत्तराखंड और उसके बाहर के छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरी है।

Leave a Comment

%d