बृहस्पतिवार रात चमोली जनपद के थराली में हुई अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है।थराली निवासी अभिषेक राणा ने पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए तत्काल सहायता की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थराली गांव के नीचे बना सैकड़ों साल पुराना ऐतिहासिक शिव मंदिर मलबे में दब गया। यहां पर आठ परिवारों को खतरा हो गया है। तहसील प्रशासन ने सभी परिवारों को इस स्थान को छोड़ने को कह दिया है।
प्राणमति नदी में आए उफान से राधा देवी, गिरजा देवी और प्रेम बुटोला के मकान ध्वस्त हो गए। साथ ही दो गोशालाएं और चार पशु बह गए। रात को प्राणमति में आए मलबे ने पिंडर नदी में झील बना दी जिससे पूरे थराली में अफरा तफरी मच गई।
थराली अतिवृष्टि से प्राणमति नदी में आए उफान ने पिंडर नदी के बहाव को रोक दिया, जिससे सिमलसैंण से लेकर केदारबगड़ तक झील बन गई। नदी के कटाव से थराली से देवाल को जोड़ने वाला थराली वाण मोटर मार्ग धंस गया। ऐसे में यहां से वाहनों की आवाजाही खतरनाक बनी है। यहां केवल हल्के वाहन ही जोखिम लेकर जा रहे हैं। वहीं कर्णप्रयाग ग्वालदम हाईवे का कुछ हिस्सा भी सिमलसैंण से ग्वालदम तिराहे तक नदी में वह गया। बीआरओ ने सिमलसैंण खेतों की तरफ मार्ग बनाया है जो कभी भी नदी में धंस सकता है।लोगों की परेशानी अत्यधिक बढ़ गई है।
स्थानीय लोगों की परेशानी और उनकी सुरक्षा को देखते हुए थराली निवासी अभिषेक राणा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग से तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए अनुरोध किया है।