महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने ली विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा बैठक, लिए गए ये महत्वपूर्ण निर्णय

राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा उत्तराखंड देहरादून में आयोजित विद्यालय शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक में महानिदेशक विद्यालय शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा विभागीय कार्यों की समीक्षा की गई । बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।

DG education Uttarakhand review meeting held to take important steps

दिनांक 12 दिसम्बर 2022 को राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के सभागार में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा विभागीय कार्यों की समीक्षा की गयी । समीक्षा बैठक का मुख्य फोकस राज्य में स्थापित किये जाने वाले विद्या समीक्षा केन्द्र एवं शैक्षिक सत्र 2023-24 में राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं हेतु पाठ्य पुस्तकें शैक्षिक सत्र के प्रारम्भ में ही उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिगत पुस्तकों के मुद्रण पर रहा।

विद्या समीक्षा केंद्र की होगी स्थापना

उत्तराखंड में स्थापित किये जाने वाले विद्या समीक्षा केन्द्र की आवश्यकता एवं महत्व को देखते हुए महानिदेशक द्वारा बैठक में विभागीय शीर्ष अधिकारियों निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, वित्त नियंत्रक एवं समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक एवं उप राज्य परियोजना निदेशक स्तर के अधिकारियों से विचार विमर्श किया गया। बैठक में इस कार्य हेतु शासन स्तर से नामित भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम टी०सी०आई०एल० के प्रतिनिधियों को द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। बैठक में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा में उपलब्ध कक्षों में किये जाने का निर्णय लिया गया।

रीयल टाइम सूचनाओं, छात्र- अध्यापक उपस्थिति, स्थानांतरण आदि में सहायक होगा विद्या समीक्षा केंद्र

महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा निर्देश दिये गये कि राज्य में स्थापित किये जाने वाले विद्या समीक्षा केन्द्र का कार्यक्षेत्र विस्तृत होना चाहिए,जिसमें छात्र एवं विद्यालयों से सम्बन्धित विस्तृत सूचनाएँ अपडेट होंगी तथा रियल टाइम आधारित होंगी । प्रत्येक विद्यालय के समस्त भौतिक संसाधनों की अद्यतन स्थिति, व्यय विवरण, सी०एस०आर० के अन्तर्गत किये गये कार्य उन पर व्यय की गयी धनराशि, छात्रवृत्ति जैसी समस्त सूचनाओं की अंकना इसमें की जाएगी। छात्र सम्प्राप्ति स्तर के लिए गुजरात मॉडल के अनुरूप इसमें व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग ऑनलाइन छात्र अध्यापक उपस्थिति एवं ऑनलाइन स्थानान्तरण के लिए भी किया जायेगा। इसी क्रम में उनके द्वारा निर्देश दिये गये कि अन्य राज्यों के भ्रमण हेतु शीघ्र भ्रमण दल बनाये जांय तथा टी०सी०आई०एल० के प्रतिनिधि भी गुजरात, हरियाणाए उत्तरप्रदेश एवं एन०सी०ई०आर०टी० द्वारा किये गये कार्यों का अध्ययन कर ले। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि वे अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित कार्यों को, जो विद्या समीक्षा केन्द्र का हिस्सा होंगे, के लिए मानक तैयार करते हुए राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध करा दें।कार्य को गम्भीरता से लेते हुए उनके द्वारा इसकी निरन्तर समीक्षा किये जाने के भी निर्देश दिये गये।

छात्रों को समय पर मिलेंगी पाठ्यपुस्तकें, राज्य आंदोलनकारी बनेंगे पाठ्यक्रम का हिस्सा

पाठ्य पुस्तकें अगले शैक्षिक सत्र में छात्रों को समय पर मिल सकें इसके लिए मुद्रण से सम्बन्धित प्रक्रिया तत्काल प्रारम्भ किये जाने के निर्देश भी महानिदेशक द्वारा दिये गये। इसी क्रम में उनके द्वारा कि उत्तराखण्ड राज्य के लिए संघर्ष करने वाले राज्य आन्दोलनकारियों से सम्बन्धित पठन सामग्री को पाठ्यचर्या का हिस्सा बनाया जाय तथा पाठ्य पुस्तकों में इसको सम्मिलित किये जाने के लिए सुसंगत प्रस्ताव तैयार हो सके इसके लिए समिति भी गठित की गयी ।

स्मार्ट कक्षाओं, छात्रावासों की भी हुई समीक्षा

राज्य में स्थापित की जा रही स्मार्ट कक्षाओं की समीक्षा भी टी०सी०ई०एल० के प्रतिनिधियों के साथ की गयी तथा उन्हें तत्काल कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। बैठक में एस०सी०ई०आर० टी० के भवन एवं विभिन्न जनपदों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में बन रहे छात्रावासों की भी समीक्षा की गयी तथा निर्देश दिये गये कि छात्रावासों के भवन का डिजायन स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाय । डायट बड़कोट,उत्तरकाशी का उदाहरण देते हुए महानिदेशक द्वारा निर्देश दिये गये कि ठंड एवं बर्फ की परिस्थितियों को देखते तद्नुसार ठंड से बचने के उपायों को अपनाते हुए भवन निर्माण किये जाएं।

बैठक में निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री आर0के0 कुँवर, अपर निदेशक महानिदेशालय श्री रामकृष्ण उनियाल, अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा श्री एस०पी० खाली, अपर निदेशक एस०सी०ई०आर०टी० डॉ० आर०डी० शर्मा, अपर राज्य परियोजना निदेशक श्री आकाश सारस्वत, मदन मोहन जोशी, बी०पी० मैंदोली आदि के साथ ही टी०सी०आई०एल० की ओर से श्री मनीष तिवारी द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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