प्रसिद्ध विज्ञान लेखक देवेंद्र मेवाड़ी ने बच्चों को कराई कालयात्रा,वन्यजीवों के संरक्षण का दिया संदेश

भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के सभागार में आयोजित एक समारोह में आज सुप्रसिद्ध विज्ञान संचारक और लेखक देवेंद्र मेवाड़ी ने स्टोरी टेलिंग सत्र के दौरान बच्चों को कहानी, गीतों व संस्मरणों के माध्यम से वन्यजीवों और प्रकृति संरक्षण के लिए जागरूक किया।

Devendra Mewadi story telling सेशन

भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के सभागार में बाल गंगा प्रहरियों के विंटर कैंप के समापन के अवसर पर प्रसिद्ध विज्ञान संचारक और लेखक देवेंद्र मेवाड़ी के स्टोरी टेलिंग सत्र ‘कथा कहो यायावर’ सत्र का आयोजन किया गया।

सत्र की शुरुआत करते हुए देवेंद्र मेवाड़ी ने कहा कि विज्ञान का मतलब जटिल सिद्धांतों सूत्रों और गणनाओं से नहीं है, बल्कि अपने चारों ओर की चीजों को समझना,उनके प्रति अपनी जिज्ञासाओं का समाधान करना ही विज्ञान है।

बच्चों की मांग पर अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उनका जन्म नैनीताल के एक पहाड़ी गांव में हुआ था बचपन से ही उनके मन में आसपास की चीजों को लेकर अनेक प्रश्न उठते थे,जैसे चीटियां एक साथ कहां जा रही हैं? पक्षी कहां से आते हैं, उड़ते कैसे हैं? स्कूल किस तरह खेलते हैं? इन सब प्रश्नों का जवाब उन्होंने पढ़ाई के माध्यम से तलाशना शुरू किया और धीरे-धीरे लिखने भी लगे । हाई स्कूल में उन्होंने कहानी लेखन की शुरुआत कर दी थी।यह भी पढ़ें साइबर सुरक्षा…

बच्चों को कराई कालयात्रा

एक रोचक कहानी के माध्यम से उन्होंने टाइम मशीन का उल्लेख करते हुए सभी श्रोताओं को वर्ष 1375 से 2070 तक की काल यात्रा भी करवाई। सरल और सहज रूप से अपनी चिर परिचित किस्सागोई शैली में कहानी सुनाते हुए अनेक सदियों में आए प्राकृतिक बदलावों का सजीव दृश्य उन्होंने सबके मानसपटल पर अंकित कर दिया। यह भी पढ़ें, रंगों का सिद्धांत,रंग कैसे दिखते हैं

चीतों का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि अंधाधुंध शिकार के कारण भारत में चीते किस प्रकार विलुप्त हुए। भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में पशु -पक्षियों की अनेक प्रजातियां विलुप्त हो गई। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो आने वाले समय में पशु पक्षी समाप्त हो जायेंगे। चिड़ियाघरों में असली जानवरों के स्थान पर रोबोटिक जानवर ही देखने को मिलेंगे।

बच्चों के साथ उन्होंने ‘ जीवन तेरे रूप अनेक ‘ और ‘ आसमान में लाखों तारे ‘ गीत भी गाए। प्रकृति और जीवों के संरक्षण की बात करते हुए मेवाड़ी ने कहा कि हमारा ग्रह पृथ्वी सबसे खूबसूरत ग्रह है,जिस पर अनेक प्रकार के जीव जंतु, पेड़ पौधे, पर्वत,रेगिस्तान, नदी झरने, आदि हैं। प्रकृति की इस देन को सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम का संचालन डा. दानिश ने किया।

इस अवसर पर भारतीय वन्यजीव संस्थान की डीन डा. रुचि बडोला, बाल गंगा प्रहरी अभियान समन्वयक डा. संगीता अंगोम, डा. संध्या जोशी,डा. परिवा डोबरियाल,डा. दीपिका डोगरा, हेमलता खंडूरी, सताक्षी शर्मा, अंशुल,संत कबीर एकेडमी के बाल गंगा प्रहरी बच्चे,उनके शिक्षक शिक्षिकाओं सहित कई लोग उपस्थित थे।

Leave a Comment

%d