धनतेरस पर विशेष

धनतेरस पर मातु लक्ष्मी,  , भले ही धन मत बरसाओ। पर किसी  गरीब को मातेकभी भूखे पेट ना तरसाओ। ना मिले किसी को नए गहने,ना नई  किसी को कार मिले।पर पेट पालने को अपना,मां सब को रोजगार मिले।। ना जलें पटाखों की लड़ियाँ,न चलें भले ही फुलझड़ियाँ।पर मिटा दो माँ सबके जीवन से,दुःख और लाचारी … Read more

कुछ लिखा जाता नहीं

मायने अच्छाई के इस शहर में कुछ और हैं, अच्छा है कि मुझको यहां अच्छा कहा जाता नहीं. सोचता हूं कि चुप रहूं मैं भी उन सबकी तरह, पर देखकर रंगे जमाना चुप रहा जाता नहीं दर्द अपना हो तो मैं चुपचाप सह लूंगा उसे, दर्द बेबस आदमी का पर सहा जाता नहीं… भूख से … Read more

कलम मेरी खामोश नहीं

                           कलम मेरी खामोश नहीं, ये लिखती नई कहानी है। इसमें स्याही के बदले मेरी, आंखों वाला पानी है।। सृजन की सरिता इससे बहती झूठ नहीं ये सच है कहती। जीवन के हर सुख-दुख में ये, कलम सदा संग मेरे रहती॥ ये मेरी सहचरी,मेरी सहेली , मेरे … Read more