जापानी भी पढ़ेंगे उत्तराखंड के इस साहित्यकार की कहानियां |Dr Umesh Chamola|SCERT Uttarakhand

उत्तराखंड के साहित्यकार डॉ उमेश चमोला की उपलब्धियों में एक और कड़ी जुड़ गई है।उनकी अंग्रेजी में लिखित पुस्तक का अनुवाद जापानी भाषा में हो रहा है यह पुस्तक जापान के बच्चों को पढ़ाई जाएगी।

गिरीश तिवारी गिर्दा | लोक के स्वर की अनुगूँज | | girish tiwari girda in hindi|girda biography|poem of girda

grish tiwari girda

गिरीशचंद्र तिवारी गिर्दा के साथ भेंट करने का अवसर मुझे उस समय मिला, जब मैं उत्तराखंड राज्य की नवीन पाठ्य पुस्तकों के लेखन के क्रम में प्राथमिक कक्षाओं हेतु गणित विषय की पुस्तकें लिख रहा था। मुझे याद है ऋषिकेश उत्तराखंड के एक प्रसिद्ध गेस्ट हाउस में हमारे लेखन मंडल के अनेक सदस्य ठहरे हुए थे। उस समय प्रदेश स्तरीय एक विशेष समिति के सदस्य के रूप में गिर्दा को भी आमंत्रित किया गया था । गिर्दा के नाम से परिचय तो पहले से था, लेकिन गिर्दा से मिलने,उनके साथ रहने का अवसर उसी लेखन कार्यशाला के दौरान मिला । गिर्दा को करीब से जानने का अवसर मिला तो लगा जैसे जमीन से जुड़ा लोक जीवन का कोई चितेरा हमारे साथ हो। सरल व्यक्तित्व और फक्कड़ जीवन की प्रतिमूर्ति गिर्दा की वह छवि मुझे आज भी याद है।

Jeremy lalrinunga details,gold medal winner, commonwealth game।। 19 साल के भारोत्तोलक ने दिलाया देश को स्वर्ण

जेरेमी लालरिनुंगा का जन्म 26 अक्टूबर 2002 को मिजोरम के आईजोल में हुआ था। भारत के सबसे होनहार युवा खिलाड़ियों में शामिल .जेरेमी के पिता का नाम (Jeremy Lalrinnunga Family) लालमैथुआवा लालरिनुंगा और माता का नाम लालमुनपई रालते (lalmuanpuii ralte) है। जेरेमी के पिता स्वयं भी एक पूर्व मुक्केबाज हैं.

श्रीदेव सुमन को क्यों देना पड़ा बलिदान,सुमन की पुण्यतिथि पर विशेष…

(taxes in Tehri riyasat, sridev suman, kuli begar, den khen, history of tehri औताली,गयाली, देण खेण) हर वर्ष 25 जुलाई को हम महान शहीद श्री देव सुमन की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन समर्पित करते हैं। सुमन ने अपना बलिदान टिहरी राजशाही के अत्याचारों से लड़ते हुए जनता को मुक्ति दिलाने के लिए दिया था। … Read more

गढ़वाल की दिवंगत विभूतियाँ । सर्जन हरिकृष्ण वैष्णव

डॉ0 हरिकृष्ण या हरि वैष्णव का जन्म सन् 1918 में चमोली के नन्दप्रयाग निवासी श्री गोपाल प्रसाद वैष्णव तथा श्रीमती दीपा देवी वैष्णव के घर हुआ। शैशव अवस्था में ही गुरु गम्भीर्य से आत्मसात् करने वाले नन्दाकिनी और अलकनन्दा के इस भूमि पुत्र ने जब बाल्यकाल में प्रवेश किया तो माता-पिता को इस विलक्षण बालक की अद्भुत मेधा शक्ति ने अपनी ओर आकर्षित कर लिया

फाइवस्टार होटल में भी घर से लायी बाजरे की रोटी खाते थे ये सांसद, कभी नहीं लिया वेतन : जानकार यकीन नहीं होगा आपको

स्वामी रामेश्वरानंद    वर्तमान समय में जहां एक ,विधायक, सांसद या कोई जनप्रतिनिधि बनना ही     अमीर हो जाने की गारंटी होने जैसा है। इतना ही नहीं कई लोग तो जनसेवा का ढोंग    करते- करते अरबों-खरबों की संपत्ति जमा कर अपनी सात पुश्तों तक का इंतजाम    कर लेते हैं, लेकिन आप यकीन नहीं … Read more