स. अ.(एल.टी) से प्रवक्ता पदोन्नति हेतु संघर्ष समिति की एक आवश्यक बैठक आज गांधी पार्क देहरादून में आयोजित की गई जिसमें प्रदेशभर से आए समिति के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में अब तक सहायक अध्यापक एलटी की प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति न होने पर रोष व्यक्त किया गया तथा मुख्यमंत्री को इस संबंध में ज्ञापन भेजा गया।
विगत दो वर्षों से लंबित एलटी शिक्षकों की पदोन्नति अब तक न होने से शिक्षकों में भारी रोष है। इस संबंध में मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन भी व्यर्थ सिद्ध हुए हैं। इस बात को लेकर पदोन्नति संघर्ष समिति द्वारा आज गांधी पार्क देहरादून में एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई । समिति के अध्यक्ष केशर सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए समिति पदाधिकारियों एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।समिति अध्यक्ष केशर सिंह रावत ने बताया कि गत 4 जून को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर पदोन्नति की मांग को लेकर सांकेतिक धरना आयोजित किया गया था। कोई कार्यवाही ना होने के कारण 24 जून से लगातार दस दिवसीय धरना शिक्षा निदेशालय पर आयोजित किया गया जिसमें शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के पदोन्नति किए जाने के आश्वासन पर धरने को स्थगित कर दिया गया था। किंतु विभागीय हीला हवाली के चलते एलटी शिक्षकों को पदोन्नति का उनका अधिकार अभी तक प्राप्त नहीं हो पाया। यहां तक की एक कार्यक्रम में गैरसैंण में मुक्त शिक्षा मंत्री द्वारा 15 सितंबर तक पदोन्नति कर दिए जाने की बात कही गई थी।
बैठक में कई वक्ताओं ने अपनी बात रखी सभी शिक्षक इस बात पर आक्रोशित थे कि विद्यालयों में प्रवक्ताओं के सैकड़ों पद रिक्त हैं ,जो कि एलटी शिक्षकों के पदोन्नति के पद हैं ।भारी मात्रा में रिक्त पद होने के कारण पठन-पाठन में भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है और कई वर्षों से पदोन्नति न होने के कारण शिक्षकों का भी मनोबल गिर रहा है। जबकि अन्य सभी विभागों में तथा शिक्षा विभाग में भी प्रशासनिक संवर्ग के अन्य सभी पदों पर पदोन्नतियां बदस्तूर जारी हैं।
इस संबंध में एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा भी अध्यापकों की पदोन्नति हेतु निर्देश दिए गए थे। किंतु अब तक कोई कार्यवाही ना होने के कारण उपस्थित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को पुनः स्मरण पत्र प्रेषित किया।
हाल ही में राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री द्वारा भी एक पत्र जारी कर पंद्रह दिनों के भीतर पदोन्नति न किए जाने पर न्यायालय जाने की बात कही है । बैठक में सभी शिक्षकों ने भी पदोन्नति ना होने पर मजबूर होकर उच्च न्यायालय की शरण लेने तथा राज्य स्तर पर आंदोलन के विकल्पों पर भी विचार किया।बैठक में केशर सिंह रावत,बुद्धि प्रसाद भट्ट, आभा थपलियाल सहित संघर्ष समिति के विभिन्न जनपदों से आए पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे।
ब्लाक से लेकर प्रांत तक के चुनावों का एकसूत्र में बहिष्कार ही एक मात्र उपाय होगा।
लेकिन करेंगें से साथीगण।