चंपावत के प्राथमिक विद्यालय में हुई दुर्घटना, एक छात्र की मौत, जारी हुए ये कड़े निर्देश..

आज दिनांक 14 सितम्बर 2022 को राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकांडा, विकासखण्ड पाटी, जनपद चम्पावत में शौचालय की छत गिरने से हुई दुर्घटना में एक छात्र की मृत्यु होने तथा कुछ छात्रों के घायल होने का समाचार मिला है। दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड द्वारा भी कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।

Champavat primary school accident

आज एक दुखद घटना में उत्तराखंड के जनपद चम्पावत में प्राथमिक विद्यालय मौनकांडा, विकासखण्ड पाटी में शौचालय की छत गिर जाने से एक छात्र की मृत्यु हो गई, जबकि कुछ अन्य छात्र घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि बच्चे खेल खेल में एक निष्प्रयोज्य शौचालय की छत पर चढ़ गए, अधिक भार के कारण छत गिर गई।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए तत्काल इसकी मजिस्ट्रेटी जांच करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने, घटना में घायल हुए प्रत्येक बच्चे का इलाज राज्य सरकार द्वारा वहन करने तथा मृतक बच्चे के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से तत्काल रू0 02 लाख की सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं।

महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने भी इस संबंध में तत्काल कड़े निर्देश जारी किए । महानिदेशक द्वारा जारी पत्र के अनुसार जीर्ण-शीर्ण भवन, जो कि निष्प्रयोज्य हो चुके हैं को चिन्हित किया जाये। तथा यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि छात्र-छात्रा किसी भी दशा में उक्त भवनों के आस-पास नहीं जायें। ऐसे भवन का आपदा प्रबन्धन एक्ट के तहत तत्काल ध्वस्तीकरण कर लिया जाये, जिससे किसी भी प्रकार के दुर्घटना की स्थिति न रहे शौचालय आदि भवनों का भी भली भांति निरीक्षण कर लिया जाये। यदि भवन मरम्मत के योग्य हैं तो जिला पंचायती राज अधिकारी के सम्पर्क करते इस हेतु पंचायती राज विभाग के माध्यम से आवंटित धनराशि के सापेक्ष तत्काल मरम्मत करवा ली जाये। छात्र छात्राओं को केवल सुरक्षित भवनों में ही बिठाया जाये तथा यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि किसी भी दशा में छात्र छात्रायें जीर्ण-शीर्ण विद्यालय भवनों में अथवा उनके नजदीक नहीं बैठें। यह भी ध्यान रखा जाये कि विद्यालय भवन के पास कोई पेड़ अथवा बिजली के ट्रांसफार्मर / तार तो नहीं है. जिनसे छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

इसके अलावा समस्त विद्यालयों को राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड के द्वारा इस संबंध में पूर्व में दिये गये दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत भी दी गई है।

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