देहरादून 13, सितंबर। अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज सौड़ा सरोली में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन धूम-धाम से किया गया।विभिन्न कार्यक्रमों के अतिरिक्त बाल कवि सम्मेलन इस समारोह का विशेष आकर्षण रहा।

अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज सौड़ा सरोली, देहरादून में आयोजित हिंदी दिवस समारोह का शुभारंभ प्रधानाचार्य राम बाबू विमल द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। कक्षा 9 की छात्रा नैना कुंजवाल व अन्य वक्ताओं ने हिंदी के महत्व और हिंदी के प्रचार प्रसार के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए।
बाल कवि सम्मेलन रहा खास
समारोह के प्रमुख आकर्षण के रूप में आयोजित बाल कवि सम्मेलन में छात्र – छात्राओं ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया। कक्षा 6 की छात्रा आराध्या ने रंग बिरंगा देश हमारा, दिव्या ने मौसम, वैष्णवी ने मैम हमारी, शौर्य ने हिंदी दिवस पर, देव ने गांधीजी शीर्षक से सुंदर कविताएं प्रस्तुत की।

कक्षा 7 से अक्षिता ने अपनी कविता में मां की ममता को उकेरा, तो राधा ने पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ सुनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पलक ने बेटियां शीर्षक से अपनी कविता प्रस्तुत की। कक्षा 8 की छात्रा मानसी ने हिंदी भाषा पर सुंदर कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।

कक्षा 11 से अंतरा कुमेड़ी ने धराली आपदा पर,लक्की सिंह ने पिता पर और अनुष्का गंगाड़ी ने सपनों का दीपक शीर्षक से अपनी काव्य प्रस्तुति दी।कक्षा 12 की छात्रा हिमांशी ने शिक्षकों को समर्पित कविता और नंदिनी जुयाल ने दोस्ती पर कविता प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। अंशिका मनवाल ने अपनी कविता में नारी के संघर्ष और उसके मानसिक अन्तर्द्वन्द को अपनी कविता में चित्रित किया। यश पंवार ने हिंदी हमारी पहचान, हिंदी हमारी शान कविता प्रस्तुत कर हिंदी के महत्व को उजागर किया।
विद्यालय के भौतिकी प्रवक्ता प्रदीप बहुगुणा ‘दर्पण ‘ ने बाल कवियों की कविताओं की सराहना करते हुए उन्हें कविता लेखन संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने अपनी कविता ‘ बनकर पत्थर की मूरत, दुनिया में पूजी जाती, पर सच के धरातल पर तू दर – दर की ठोकरें खाती’ भी प्रस्तुत की।


कवि सम्मेलन का संयोजन प्रवक्ता हिंदी बबीता डिमरी,अध्यक्षता नंदिनी जुयाल, कक्षा 12, और संचालन हिमांशी, कक्षा 12 ने किया।
कार्यक्रम का समापन करते हुए प्रधानाचार्य राम बाबू विमल ने हिंदी के इतिहास और पूरी विकास यात्रा को अपनी सुंदर कविता के रूप में प्रस्तुत कर अपनी विद्वता व काव्य- सिद्धता का परिचय दिया। साथ ही अपने उद्बोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे अनुशासन, समयपालन, परिश्रम आदि गुणों को अपनाकर अपने भविष्य के निर्माता स्वयं बन सकते हैं।
हिंदी दिवस समारोह के दौरान शिक्षक -शिक्षिकाओं डी. एस.भंडारी,राकेश बिष्ट, डा. भारती यादव,गौरी घिल्डियाल, अनिरुद्ध ममगांई,नीतू सिंह, उदय प्रताप चंद, पिंकी पवार ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर पुष्पा चौहान,कंचन बहुगुणा,महेंद्र सिंह गुसाईं,भुवन चंद्र पुरोहित,राकेश रौथाण, अनिता पुंडीर, अनिता बडोनी,विनय मोहन राणा,रजनी रावत,अरविंद भंडारी, कमला, बीना, कुंती और शशि आदि शिक्षक शिक्षिकाएं और कार्मिक उपस्थित रहे।