कुछ लिखा जाता नहीं
मायने अच्छाई के इस शहर में कुछ और हैं, अच्छा है कि मुझको यहां अच्छा कहा जाता नहीं. सोचता हूं कि चुप रहूं मैं भी उन सबकी तरह, पर देखकर रंगे जमाना चुप रहा जाता नहीं दर्द अपना हो तो मैं चुपचाप सह लूंगा उसे, दर्द बेबस आदमी का पर सहा जाता नहीं… भूख से … Read more