विश्व पर्यावरण दिवस पर मां के नाम पेड़, पर्यावरण चेतना पर कार्यक्रम

उत्तराखंड, देहरादून, चकराता विकासखण्ड के सुदूरवर्ती विद्यालय राजकीय इंटर कॉलेज खरोड़ा में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘एक पेड़ माँ के नाम ‘ 2.0 के अंतर्गत विद्यालय परिसर में विभिन्न प्रजाति के पौधों को लगाया गया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य गोविन्द सिंह रौथाण ने कहा कि आज औद्योगीकरण के कारण पूरे विश्व में प्रदूषण की स्थिति पैदा हो गई है जिससे  कई बीमारियाँ उत्पन्न हो रही हैं। विश्व की पर्यावरण संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विश्व स्तर पर हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विद्यालय में 3 जून से 5 जून तक पर्यावरण जागरूकता सम्बन्धी विभिन्न गतिविधियाँ की गई।

World environment day programme at gic kharoda

कार्यक्रम संयोजक डॉ. उमेश चमोला ने बच्चों को पर्यावरण चेतना से  संबंधित विभिन्न गीतों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने गिरीश तिवारी ‘गिरदा’, गोपाल बाबू गोस्वामी, नरेन्द्र सिंह नेगी और हीरा सिंह राणा के पर्यावरण जागरूकता संबंधी गीतों पर चर्चा की। उन्होंने गौरा देवी, सुन्दर लाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट, सच्चिदानन्द भारती और कल्याण सिंह रावत के पर्यावरण संरक्षण में योगदान के बारे में बच्चों से चर्चा की। 4 जून को बच्चों के द्वारा अनियोजित शहरीकरण और पर्यटन के पर्यावरण पर दुष्प्रभाव  और बड़े बांधों से लाभ और चुनौतियों पर पोस्टर और नारे तैयार किए और निबंध भी लिखे।  

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विद्यालय में वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर नरेंद्र सिंह भंडारी वन दरोगा कुनैन ने कहा कि इस वर्ष की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘प्लास्टिक प्रदुषण को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के अपघटन में दो सौ से पाँच सौ साल तक का भी समय लग जाता है। इसलिए प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण की बड़ी समस्या बन चुकी है।

इस अवसर पर चकराता वन प्रभाग के वन बीट अधिकारी बसिया दास, दैनिक श्रमिक मान सिंह राणा और वनीकरण चौकीदार चंदन सिंह राणा और देवेंद्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. उमेश चमोला ने पर्यावरण पर आधारित झूमेलो गीत ‘डाला नि काटला ‘को गाया। विद्यालय स्टाफ द्वारा बच्चों के साथ मिलकर वृक्षारोपण किया गया।

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