हाल ही में राजस्थान में संपन्न स्काउट गाइड की 18वीं राष्ट्रीय जंबूरी में उत्तराखंड में शानदार प्रदर्शन किया उत्तराखंड की गाइड बैंक को नेशनल कमिश्नर शील्ड से भी नवाजा गया ।प्रस्तुत है,भाव संचय के लिए राजस्थान से लौटकर युद्धवीर सिंह राणा की विशेष रिपोर्ट…
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में स्काउट गाइड की 18 वीं राष्ट्रीय जम्बूरी दिनांक 04-01-2023 से दिनांक 10-01-2023 तक सम्पन्न हुई। जम्बूरी के उद्घाटन मुख्यअतिथि राष्ट्रपति महामहिम द्रोपदी मुर्मू ने तथा समापन केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि जम्बूरी में उपस्थित भारत के विभिन्न राज्यों के कुल 35000 स्काउट्स एवं गाइड्स को एक समूह में देखने से लगता है कि एक साथ पूरे भारत की संस्कृति एवं परम्परा के दर्शन हो रहे हों। उन्होंने कहा कि सभी युवा स्काउट्स एवं गाइड्स निस्वार्थ भाव से सेवा एवं सहयोग से भारत के विकास में सहयोग करते है। नशे को सबसे बड़ी बुराई बताते हुए उन्होंने आह्वान किया कि युवाओ को विभिन्न प्रकार के नशा एवं ध्रुमपान से दूर रहना चाहिए | समापन के इस अवसर पर भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त श्री के के खण्डेलवाल जी ने बताया कि स्काउट्स एवं गाइड्स सदैव दूसरों की सहायता, सेवा एवं मिलजुल कर कार्य करने वाला होता है।
सात दिवसीय इस जम्बूरी में 16 प्रकार की प्रतियोगिता करवायी गयी। उत्तराखंड राज्य ने सभी 16 प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया, जिसमें उत्तराखंड की लोक नृत्य , झांकी , प्रदर्शनी, हाइकिंग, पायनियरिंग, इंटिग्रेसन, केम्प फायर , टेन्ट पिचिंग, रंगोली, मार्च पास, एडवेंचर एवं फूड प्लाजा में मुख्य भूमिका रही |
उत्तराखण्ड से गाइड विंग के सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन से नेशनल कमीशनर शील्ड से सम्मानित किया गया।राज्य के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर उत्तराखण्ड के राज्य संगठन आयुक्त बीरेन्द्र सिंह विष्ट एवं श्m अंजली चन्दोला जी को सभी स्काउट्स मास्टर एवं गाइड्स केप्टन श्री अजय शेखर बहुगुणा ,के के असवाल , मोहन चन्द्र भट्ट , जगन्नाथ गोस्वामी , युद्धवीर सिंह , पुरमेन्द्र शर्मा , कमलेश सती ,सविता एवं तनु त्यागी जी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी। जंबूरी में रा० इ० का० डुण्डा उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड से शिक्षक युद्धवीर सिंह जी एवं उनके चार छात्र गुलशन, बद्रेश, संजय एवं सुमित ने भी प्रतिभाग किया तथा उनके द्वारा उत्तराखण्ड की संस्कृति , झांकी एवं लोक नृत्य के लिए बनायी गयी देव डोली एवं पारम्पारिक वाद्य यंत्र रण सिंगा आकर्षण ,आस्था एवं भावना का मुख्य केन्द्र रहा।