छात्रों में लेखन, रचनात्मकता एवं शोध की प्रवृत्ति को विकसित करने के लिए एक अभिनव कार्यक्रम प्रारंभ किया रहा है। एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा इस अभिनव कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एससीईआरटी उत्तराखंड के इस नवाचार के अंतर्गत छात्रों को एक विषय के रूप में इतिहास की महत्ता तथा इतिहास को लिखे जाने की प्रक्रिया को समझने के लिए अपने विद्यालय तथा सेवित क्षेत्र पर विस्तृत लेख लिखना होगा।
राज्य स्तर पर विकासखंडवार सर्वश्रेष्ठ लेखों को एन ई पी प्रकोष्ठ एस0 सी0 ई0 आर0 टी0 उत्तराखंड द्वारा संकलित कर प्रकाशित किया जाएगा। इस आशय का पत्र निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड बंदना गर्ब्याल द्वारा समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित किया गया है।
जानें पूरी प्रक्रिया के बारे में
प्रतिभागी छात्र छात्राओं द्वारा अपने विद्यालय, गांव, कस्बे, क्षेत्र के मानचित्र एवं इतिहास (स्थापना दिवस, प्रथम संस्थाध्यक्ष, शिक्षक, पूर्व विशिष्ट छात्रों का विवरण ) आदि का एक दस्तावेज तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विद्यालय की भौगोलिक स्थिति, आवागमन के साधनों, स्थानीय पुरातन संरचना, ऐतिहासिक स्थल, भवन, संस्कृति, परंपराओं, मेलों, पर्वों, कृषि, जीव जंतुओं, वनस्पतियों, पर्यावरण, स्थानीय ऐतिहासिक व्यक्तियों (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, वैज्ञानिक, साहित्यकार, समाजसेवी आदि) का वर्णन भी प्रतिभागी कर सकेंगे। इसके लिए वे अधिकतम 5 फोटोग्राफ्स की सहायता तथा स्थानीय व्यक्तियों आदि से साक्षात्कार द्वारा भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ एस0सी0ई0आर0टी0 उत्तराखंड द्वारा इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश तथा नियत समय सारणी भी जारी की गई है।