समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत स्पोर्ट टू प्री प्राईमरी (बालवाटिका) कक्षा के संदर्भ में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों हेतु सात दिवसीय प्रशिक्षण दिनांक 3 फरवरी 2025 से 9 फरवरी 2025 तक विकासखंड संसाधन केंद्र डोईवाला में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून के सहयोग से सम्पादित किया गया।

आज उक्त सात दिवसीय प्रशिक्षण विधिवत सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से बालवाटिका कक्षा के बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 3-6 वय वर्ग के बच्चों के लिए बालवाटिका के रूप में लचीली, बहुआयामी औेर खेल आधारित शिक्षा पर बल दिया गया है। इसके अलावा बच्चों में स्वस्थ प्रवृत्ति एवं आदतों का विकास, जीवन कौशल और जीवन मूल्यों का समावेशन कर उनकी मूल प्रवृत्तियों द्वारा सर्वांगीण विकास करना तथा खेल-कूद एवं विभिन्न क्रियाकलापों के द्वारा सामाजिक दृष्टिकोण का विकास करने के साथ बच्चों को औपचारिक शिक्षा हेतु तैयार करना है।

कार्यक्रम समन्वयक डां. विजय सिंह रावत द्वारा अवगत कराया गया कि इस प्रशिक्षण के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो को प्रारम्भिक बाल्यकाल, विकास के लक्ष्य एवं आयाम, पूर्व प्राथमिक शिक्षा के संदर्भ में सीखने हेतु वातावरण का सृजन, शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण एवं उपयोग के साथ ही कविता, कहानी, चित्र पठन, विद्यालयी पूर्व शिक्षा मे खेल तथा गणितीय समझ आदि विषयों पर सीखने-सिखाने के कौशल विकसित किए गये।

बी.आर.सी. समन्वयक राजेश डोभाल ने कहा कि समग्र शिक्षा के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 7 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा पर आंगनबाडी कार्यकत्रियो की क्षमता संवर्धन हेतु सात दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। बच्चों में सीखने के नींव पर आंगनबाड़ी केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा कार्य किए जाने हेतु यह प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से बालवाटिका कक्षा के बच्चों में स्वस्थ प्रवृत्ति, अच्छी आदतों का विकास, जीवन कौशल और जीवन मूल्यों का समावेशन कर उनकी मूल प्रवृत्तियों द्वारा सर्वांगीण विकास करना तथा खेल-कूद एवं विभिन्न क्रियाकलापों के द्वारा सामाजिक दृष्टिकोण का विकास करने के साथ बच्चों को औपचारिक शिक्षा हेतु तैयार करना है। यह प्रशिक्षण पूर्णतः गतिविधि आधारित था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा. विजय सिंह रावत, सुमित्रा पाठक, अनिता पटवाल, अफसाना एवं सरिता पंवार द्वारा मुख्य संदर्भदाता के रुप में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।