राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में उत्तराखंड की राज्य स्तरीय विविधताओं और आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड द्वारा राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एससीएफ) तैयार कर ली गई है।

आज दिनांक 27 फरवरी को विद्यालयी शिक्षा हेतु तैयार राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का दस्तावेज विभागीय स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदित हो जाने के उपरांत शिक्षामंत्री, विद्यालयी शिक्षा डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभाग के उच्च अधिकारियों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया ।

अपर निदेशक एससीईआरटी प्रदीप कुमार रावत द्वारा सदन के सम्मुख विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रस्तुतीकरण किया गया।उन्होंने रूपरेखा के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए इसके क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों से भी सदन को अवगत कराया गया।
राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का अनुमोदन करते हुए शिक्षामंत्री द्वारा निर्देश दिए गए कि इस दस्तावेज को जारी करने से पूर्व इसे मुख्यमंत्री उत्तराखंड,राज्यपाल, मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के निदेशकों तथा सेवानिवृत निदेशकों के अवलोकनार्थ उपलब्ध कराया जाए । उनके महत्वपूर्ण सुझावों को भी दस्तावेज में समाहित किया जाए।

उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज को व्यापक रूप में देखते हुए इसमें शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा, नैतिक शिक्षा, खेल और व्यावसायिक शिक्षा को मुख्य रूप से समाहित किया जाए तथा बच्चों को केंद्र में रखा जाए। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी द्वारा निर्देशित किया गया कि राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा में दिया गया स्थानीय संदर्भ अच्छा प्रयास है। इसके साथ ही इसमें हमारी महान विभूतियों से सम्बंधित जीवनी, कहानी,नाटक आदि समाहित करके हमारे पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास को भी सम्मिलित किया जाए। बैठक में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती, निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ. आनंद भारद्वाज, संयुक्त निदेशक महानिदेशालय पद्मेंद्र कुमार सकलानी, उपनिदेशक शैलेश कुमार श्रीवास्तव, सहा. निदेशक डॉ. कृष्णानंद बिजल्वाण, एन ई पी प्रकोष्ठ के समन्वयक रवि दर्शन तोपाल, मनोज किशोर बहुगुणा, डॉ.कामाक्षा मिश्रा सहित समस्त संकाय सदस्य उपस्थित रहे।