शिक्षा मंत्री ने किया बुनियादी शिक्षा हेतु एससीएफ का लोकार्पण, हमारी विरासत के लेखन सहित की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं..

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड में आयोजित एक कार्यक्रम में आज उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत में बुनियादी शिक्षा हेतु राज्य राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज के लोकार्पण के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।

Scf for foundational education launched by education minister uttarakhand

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में उत्तराखंड राज्य में बुनियादी शिक्षा की दिशा तय करने के लिए आज राज्य के शिक्षा मंत्री दो धन सिंह रावत ने बुनियादी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज का लोकार्पण किया।

अपर निदेशक एस पी खाली के मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षा मंत्री द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल द्वारा बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया । उनके द्वारा एससीएफ- एफ एस के निर्माण की पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी भी दी गई।

इसके पश्चात शिक्षा मंत्री, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा,निदेशक माध्यमिक शिक्षा, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण तथा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा द्वारा संयुक्त रूप से बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज का लोकार्पण किया गया।शिक्षा मंत्री ने दस्तावेज का डिजिटल लोकार्पण कर इस दस्तावेज को जन सामान्य हेतु वेबसाइट पर भी लॉन्च किया और फिर यह दस्तावेज क्रियान्वयन हेतु विधिवत निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण को सौंपा गया।

शिक्षा विभाग को एससीएफ के लोकार्पण की बधाई देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूरे राष्ट्र में इस दस्तावेज को तैयार कर लोकार्पित करने में उत्तराखंड राज्य प्रथम स्थान पर रहा है। इसके अतिरिक्त पूर्व प्राथमिक शिक्षा हेतु बाल वाटिका प्रारंभ करने में भी उत्तराखंड ने अपना स्थान बनाये रखा है। उन्होंने कहा कि बच्चों का 85% विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है इसलिए बुनियादी शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण होना अति आवश्यक है।

अपनी विरासत को जानेंगे बच्चे

शिक्षा मंत्री ने बताया कि बच्चों को उत्तराखंड की गौरवशाली विरासत से परिचित कराने के लिए पाठ्यक्रम में विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं। इसके लिए प्रत्येक जनपद में हमारी विरासत पुस्तक डायट के माध्यम से प्रकाशित की जानी है, इसके लिए समाज के लोगों और साहित्यकारों से सहयोग लिया जाएगा, बच्चों से भी संवाद किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि महिला मंगल दल और अभिभावकों को बुलाकर उनके भी विचार लिए जाए और तब क्षेत्र विशेष पर आधारित यह दस्तावेज जनपद द्वारा निर्मित किया जाए। माननीय मंत्री जी द्वारा आह्वान किया गया कि हम सभी के लिए यह विचारणीय बिंदु है कि अपने राज्य में हम किस प्रकार शिक्षा को और बेहतर बना सकते हैं।

शिक्षा और संस्कार एक दूसरे के पूरक

इस अवसर पर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 हमें दिशा देती है कि शिक्षा में संस्कार कैसे समाहित किए जाएं। शिक्षा और संस्कार एक दूसरे के पूरक हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह दस्तावेज अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी ने एससीएफ-एफएस के लोकार्पण पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि यह दस्तावेज आठ महीने की कड़ी मेहनत का प्रतिफल है और यह दस्तावेज बॉटम टू टॉप अप्रोच के आधार पर बना है। यह महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग का एक संयुक्त प्रयास है । इसके लिए उनके द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।

निदेशक प्रारंभिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल ने भारतीय संस्कृति के मूल्य तत्व धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चे की शिक्षा में इनका बहुत अधिक महत्व है और एससीएफ एफ एस बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक सिद्ध होगा।

कार्यक्रम समन्वयक रविदर्शन तोपाल ने विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विजन और इसके पांच महत्वपूर्ण अंगों पर प्रकाश डाला गया।

समापन सत्र में संयुक्त निदेशक एससीईआरटी कंचन देवराडी द्वारा सभी आगंतुकों प्रतिभागियों का धन्यवाद और आभार जताया।

इस अवसर पर शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी, विभिन्न संस्थाओं से आए प्रधानाचार्य,प्रवक्ता, अध्यापक, एनजीओ प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

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