हमारे देश में प्रतिवर्ष लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। यदि सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों की जानकारी का प्रचार प्रसार उचित तरीके से हो तो इन दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। उत्तराखंड राज्य में इस क्षेत्र में अभिनव पहल करते हुए एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण साहित्य तैयार किया जा रहा है, जिससे राज्य के नौनिहालों को सड़क सुरक्षा संबंधी आवश्यक जानकारी देकर लाभान्वित किया जा सके।
प्रारम्भिक कक्षाओं के शिक्षकों के लिए सड़क सुरक्षा नियमों से संबंधित प्रशिक्षण साहित्य को एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा अंतिम रुप दिया जा रहा है। एस.सी.ई.आर.टी. के तत्वावधान में इसके लिए चार दिवसीय कार्यशाला प्रारम्भ हो गई है।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में आशारानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड ने कहा कि सड़क के हर उपयोकर्ता को सड़क पर चलने के नियमों की जानकारी का होना आवश्यक है। इसके लिए बच्चों को शुरु से ही सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी देना जरुरी है। इसीलिए एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा प्रारम्भिक शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण साहित्य तैयार कर इसे अंतिम रुप दिया जा रहा है।
सड़क सुरक्षा के राज्य समन्वयक विनय थपलियाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड में व्यापक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा इस संबंध जागरुकता ऑडियो एवं वीडियो तैयार किये जा रहे है। उन्होनें कहा कि तैयार प्रशिक्षण साहित्य के माध्यम से 350 मुख्य संदर्भदाताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। जो लगभग 1200 प्रारम्भिक स्तर के शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। कार्यशाला में कार्यशाला में बतौर विशेषज्ञ डॉ॰ उमेश चमोला तथा डॉ॰ दिनेश रतूड़ी द्वारा कहा गया युवाओं के साथ-साथ आजकल छोटे बच्चें भी सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे है। बच्चों के बचपन को सुखमय बनाने की दिशा में भी हमें चिन्तन करना चाहिए।
इस अवसर पर मधुबाला रावत, उप निदेशक के साथ ही डॉ॰ हरेन्द्र सिंह अधिकारी, रेनू चौहान, डॉ॰ रमेश पन्त, दिनेश रावत, मनोधर नैनवाल, रजनी कुकरेती, रीना डोभाल, रश्मि पोखरियाल, तथा मनोज महार ने भी अपने विचार व्यक्त किये।