राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड देहरादून के सभागार में आज महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने विभाग एवं समग्र शिक्षा की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की।
आज महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड एवं राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड झरना कमठान की अध्यक्षता में राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड के सभागार में विद्यालयी शिक्षा एवं समग्र शिक्षा की समीक्षा बैठक आहूत की गयी। बैठक में सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी सहित समग्र शिक्षा के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी उपस्थित रहें।
बैठक में समग्र शिक्षा, पी0एम0श्री, उल्लास, प्रारम्भिक शिक्षा तथा माध्यमिक शिक्षा की आवर्ती तथा अनावर्ती मदों में अद्यतन व्यय की जनपदवार समीक्षा की गयी। उक्त के साथ ही विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं यथा – शौचालय, पेयजल, विद्युत तथा विद्यालय में फर्नीचर की उपलब्धता के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी।
साथ ही क्लस्टर विद्यालय, प्रारम्भिक एवं माध्यमिक स्तर पर अध्यापकों के रिक्त पदों की स्थिति, यू-डायस पोर्टल, अपार आईडी व विद्या समीक्षा केन्द्र में डाटा एंट्री के प्रगति, पी0एम0 पोषण अभियान, वाइब्रैन्ट विलेज प्रोग्राम, पीएम जनमन योजना, विद्यालय भूमि रजिस्ट्री से सम्बन्धित प्रकरणों पर चर्चा की गयी। महानिदेशक महोदया द्वारा निर्देश दिए गए कि विद्या समीक्षा केन्द्र में अध्यापक तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नवम्बर 2024 तक 90 प्रतिशत से अधिक हो जानी चाहिए। महानिदेशक महोदया द्वारा शौचालय, पेयजल तथा विद्युत विहीन विद्यालयों को उक्त सुविधा से शत प्रतिशत संतृप्त किये जाने के निर्देश दिए गए तथा यू-डायस पोर्टल पर भी डाटा अपडेट किये जाने के निर्देश दिए गए। इस संदर्भ में अधिकांश जनपदों शरा अवगत कराया गया कि उनके जनपद में कोई भी विद्यालय अब शौचालय एवं पेयजल विहीन नहीं रह गया बताया गया है तथा जिन जनपदों में कुछ विद्यालय रह गये हैं उन्हें शीघ्र आच्छादित किये जाने का प्रयास किया जायेगा।
बैठक के दौरान जनपद हरिद्वार को बेस्ट प्रैक्टिसेज के अन्तर्गत परिवर्तन एवं कैरियर शाला के संदर्भ में बेहतर कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया तथा जनपद पिथौरागढ़ को निर्देशित किया गया कि टी0एल0एम0 वितरण एवं Nutrition Food from zero investment innovation के सम्बन्ध में अधिक कार्य किये जायें। जनपद चम्पावत द्वारा अवगत कराया गया कि 411 विद्यालयों में Pre-loaded study material, Smart TV setup आदि हेतु कार्य किया जा रहा है। जनपद चम्पावत द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि जनपद स्तर पर एक अच्दा कार्य जिला प्रशासन के सहयोग से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विद्यालय अनोजाने के लिए छात्र-छात्राओं हेतु वाहन उपलब्ध कराये गये हैं।
बैठक के दौरान यह संज्ञान में आया कि समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड के अन्तर्गत जनपद रूद्रप्रयाग, ऊधमसिंहनगर, एवं देहरादून द्वारा 84 प्रतिशत तक व्यय किया गया है, जबकि नैनीताल, पौड़ी एवं अल्मोड़ा द्वारा सबसे न्यून व्यय किया गया है। इसी प्रकार डायटों को जारी धनराशि के सापेक्ष जनपद ऊधमसिंहनगर, टिहरी एवं उत्तरकाशी द्वारा 59 प्रतिशत तक व्यय किया गया है जबकि देहरादून, बागेश्वर एवं चम्पावत द्वारा सबसे न्यून व्यय किया गया है। महानिदेशक महोदया द्वारा निर्देश दिए गए कि पूंजीगत मद में व्यय बढ़ाने के लिये योजनापरक क्रियान्वयन किया जाये। कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिये गतिविधिवार कैलेण्डर निर्मित किया जाये तथा उसी अनुसार कार्य की समीक्षा भी की जाये।
पीएम श्री योजनान्तर्गत जनपद चमोली, टिहरी एवं ऊधमसिंहनगर द्वारा 85 प्रतिशत तक व्यय किया गया है, जबकि उत्तरकाशी पौड़ी एवं पिथौरागढ द्वारा सबसे न्यून व्यय किया गया है जिसमें न्यून प्रगति वाले जनपदों को अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से अध्यापक एवं छात्र उपस्थिति की समीक्षा में जनपदांे को निर्देश दिये गये कि शत प्रतिशत उपस्थिति रियल टाइम पर हो जानी चाहिए। यदि कोई ऐसे क्षेत्र हैं जहाॅ इन्टरनेट नहीं हैं इन विद्यालयों की सूची राज्य स्तर पर साझा की जाय।
यू-डायस पोर्टल पर डाटा एंट्री के सम्बन्ध में जनपद चमोली, पिथौरागढ़ एवं ऊधमसिंहनगर की स्थिति सबसे अच्छी रही जबकि जनपद देहरादून, रूद्रप्रयाग एवं पौड़ी की स्थिति सबसे न्यून रही है। इसी प्रकार अपार आई0डी0 तैयार किये जाने के सम्बन्ध में जनपद चमोली, पौड़ी एवं बागेश्वर की स्थिति 51.32 प्रतिशत तक रही है, जबकि नैनीताल, हरिद्वार एवं देहरादून की स्थिति सबसे न्यून है। महानिदेशक महोदया द्वारा दिनांक 30 नवम्बर 2024 तक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर समस्त छात्र-छात्राओं की अपार आईडी तैयार किये जाने का लक्ष्य रखते हुये उक्त कार्य पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान महानिदेशक महोदया द्वारा विभिन्न योजनाओं में प्रथम तीन स्थानों पर प्रदर्शन करने वाले जनपदों की सराहना करते हुये अन्य जनपदों को उक्त जनपदों के जैसा कार्य किये जाने के निर्देश दिए गए तथा सबसे न्यून प्रदर्शन करने वाले जनपदों को चेतावनी निर्गत की गयी कि तत्काल अपेक्षित भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति करें।
महानिदेशक द्वारा जनपदों को निर्देश दिये गये कि जनपद स्तर पर समीक्षा की जाय कि निर्माण कार्यों हेतु कार्यदायी संस्था तथा एन0जी0ओ0 क्या कार्य कर रहे हैं तथा इसकी आख्या भी राज्य स्तर पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायी जाये। साथ ही राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों की भी समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए गए। बैठक में छात्रहित मंे किये जा रहे विभिन्न कार्यों/योजनाओं को विभिन्न माध्यमों से जन सामान्य को अवगत कराये जाने के निर्देश दिए गए, जिससे राजकीय विद्यालयों छात्र संख्या में वृद्धि हो सके। साथ ही दिनांक 26 नवम्बर, 2024 को ‘संविधान दिवस‘ मनाये जाने के निर्देश दिए गए। समीक्षा बैठक में प्रत्येक जनपद के द्वारा भी जनपद स्तर पर विभिन्न कार्यों की प्रगति से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण किया गया। जनपद टिहरी द्वारा निपुण भाारत के अन्तर्गत बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में लीडर स्कूल से सम्बन्धित गतिविधि का प्रस्तुतीकरण दिया गया जिसकी बैठक में सराहना की गयी। बैठक में जनपदों को वर्ष 2025-25 की समग्र शिक्षा से सम्बन्धित वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट की प्रारम्भिक तैयार हेतु भी निर्देश दिये गये।
बैठक के दौरान निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती बन्दना गब्र्याल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डाॅ0 मुकुल कुमार सती, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा श्री आर0के0 उनियाल, अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा श्री कुलदीप गैरोला, अपर निदेशक महानिदेशालय श्री पदमेन्द्र सकलानी, वित्त नियंत्रक समग्र शिक्षा श्री विवेक स्वरूप सहित जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी आदि उपस्थित रहे।