जिलाधिकारी के नेतृत्व में प्रोजेक्ट उत्कर्ष से चमकेंगे देहरादून के सरकारी विद्यालय

जिलाधिकारी देहरादून के नेतृत्व में प्रोजेक्ट उत्कर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद देहरादून के शैक्षिक परिदृश्य में सुधार लाने के दृष्टिगत चर्चा के लिए जिले के राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाई स्कूल एवं इंटर स्तर के विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की बैठक नगर निगम देहरादून के टाउन हॉल में सम्पन्न हुई।

Project utkarsh to enhance govt schools of dehradun

     बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून प्रदीप कुमार रावत ने कहा कि प्रोजेक्ट उत्कर्ष कार्यक्रम जिलाधिकारी देहरादून द्वारा की गई एक सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यक्रम को धरातल पर उतारना हमारी जिम्मेदारी है। अन्य कार्यक्रमों की तरह उत्कर्ष कार्यक्रम को भी विद्यालय स्तर पर क्रियान्वित करने में विद्यालय प्रमुखों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी ।उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाई स्कूल, इंटर और उच्च शिक्षा के बीच संवाद होना आवश्यक है। शासकीय विद्यालयों में उच्च योग्यता धारक शिक्षक हैं। उनके साथ ही विद्यालय में आधारभूत ढांचा भी हो तो ये विद्यालय शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र के रूप कार्य करेंगे।

उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के रूप में हमारा ध्यान बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर होना चाहिए। उत्कर्ष कार्यक्रम के अंतर्गत हर विद्यालय में व्हाइट बोर्ड, हर कक्ष में एल.ई.डी बल्ब या ट्यूब लाइट के साथ ही बंदरों से सुरक्षित पानी टैंक के साथ ही आउटडोर तथा इंडोर खेलों की व्यवस्था के लिए पर्याप्त खेल सामग्री उपलब्ध होनी चाहिए। शिक्षक की भूमिका विद्यालय की चहारदीवारी से बाहर समाज के एक नेता के रूप में भी है। बच्चों में आजकल विशेषकर शहरी क्षेत्र में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इसको रोकने में भी शिक्षक की अहम भूमिका है। शिक्षक को बच्चों की ऊर्जा को रचनात्मक कार्यों की ओर प्रवृत्त करने की दिशा में भी कार्य करना होगा।

      जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक भुवनेश्वर प्रयास जदली ने कहा कि प्रधानाचार्य विद्यालय का अकादमिक और प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करता है। उसे विद्यालय में निष्पक्षता के साथ हर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने एन.एम.एम.एस और डॉ शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति में बच्चों के नामांकन के प्रति बच्चों को प्रेरित करने का भी आह्वान किया।उन्होंने विद्यालय के पुस्तकालय को समृद्ध करने के लिए भी सुझाव दिए।


खंड शिक्षा अधिकारी रायपुर हेमलता गौड़ ने कहा कि विद्यालय स्तर पर विद्यालय विकास योजना अनिवार्य रूप से बनाई जानी चाहिए। उन्होंने विद्यालय में सोलर पैनल लगाने के लिए उरेडा से समन्वयन करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिये प्रधानाचार्य संबंधित फार्मेट को भरकर उरेडा को प्रेषित करें। इस अवसर पर बड्डी काउंसलिंग क्लब के चीफ एग्जीक्यूटिव अधिकारी अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान बदलते समय में विद्यार्थियों को पहले से ही गाइडेंस और काउंसलिंग के बारे में जानकारी दी चाहिए । कई बार बच्चों की रुचि को अनदेखा करते हुए अभिभावक बच्चों के करियर का चयन करते हैं जो उन्हें कार्य संतुष्टि नहीं दे पाता है।उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित पूर्ण जानकारी पैकेज आदि के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी जानी चाहिए ।उनके द्वारा बताया गया की छमाही परीक्षा के दौरान बच्चों की रुचि को जानने से संबंधित परीक्षा ली जाएगी जो ओएमआर आधारित होगी। इसके परिणाम को बच्चों से भी साझा किया जाएगा और इसके बाद टैली काउंसलिंग भी की जाएगी ।इस अवसर पर डायट देहरादून के विपिन भट्ट के द्वारा वीरगाथा प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि यह भारत सरकार का कार्यक्रम है जिसमें प्राथमिक स्तर ,उच्च प्राथमिक स्तर ,माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर बच्चों की रचनात्मक क्षमता तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कविता , गद्यांश लेखन ,चित्रकला आदि पर आधारित प्रतियोगिता की जाती है ।इसमें बच्चों को पुरस्कार दिए जाने की भी व्यवस्था है ।

इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी विकासनगर विनीता रानी कठैत,खंड शिक्षा अधिकारी डोईवाला धनवीर सिंह बिष्ट तथा खंड शिक्षा अधिकारी रायपुर पी एल भारती और बी ई ओ चकराता बुशरा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का संचालन राजकीय इंटर कालेज बड़ावाला के प्रधानाचार्य शैलेश कुमार श्रीवास्तव ने किया।

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