उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के लिए अलग स्थानांतरण नीति बनाए जाने की कार्यवाही पर राजकीय शिक्षक संघ की एससीईआरटी शाखा के अध्यक्ष डॉक्टर अंकित जोशी ने कड़ा विरोध जताया है ।उन्होंने कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर मांग की है कि अलग स्थानांतरण नीति बनाए जाने के बजाय वर्तमान में जारी स्थानांतरण एक्ट में ही आवश्यक संशोधन कर इसे ईमानदारी के साथ लागू किया जाए।
राजकीय शिक्षक संघ के एससीईआरटी शाखा के अध्यक्ष डॉ० अंकित जोशी ने आज सचिव कार्मिक को स्थानांतरण एक्ट में ही आवश्यक संशोधन के आशय से पत्र प्रेषित किया है ।
डॉक्टर जोशी के अनुसार पृथक स्थानांतरण नीति उत्तराखंड शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगी,और स्थानांतरण को उद्योग का दर्जा प्राप्त होने का खतरा बना रहेगा। शिक्षा विभाग कार्मिकों के लिहाज से प्रदेश का सबसे बड़ा विभाग है, ऐसे में इतने बड़े विभाग में स्थानांतरण प्रक्रिया को एक्ट से मुक्त रखना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा ।
यदि ऐसा हुआ तो उत्तराखंड ऐसा पहला प्रदेश बन जाएगा जो कि एक सशक्त कानून के स्थान पर निर्बल स्थानांतरण नीति लाएगा,जबकि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में किसी भी विभाग की कार्य कुशलता और प्रभावशीलता उस विभाग के स्थानांतरण के प्रावधानों पर निर्भर करती है, विशेष रूप से शिक्षा विभाग की। डॉ० जोशी ने मांग की है कि स्थानांतरण की ऑनलाइन व्यवस्था का प्रावधान एक्ट में संशोधन कर किया जाना चाहिए, न कि एक्ट से मुक्त हो कर अलग नीति बनाई जानी चाहिए।