अल्मोड़ा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में एससीईआरटी उत्तराखंड के तत्वाधान में दो दिवसीय कौशलम् पाठ्यचर्या शिक्षक अभिमुखीकरण कार्यशाला का उद्घाटन डाइट प्राचार्य श्री जी .जी. गोस्वामी व एस.सी.ई. आर. टी. उत्तराखंड देहरादून के प्रवक्ता डॉ उमेश चमोला व श्री अखिलेश डोभाल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डाइट प्राचार्य श्री जी .जी. गोस्वामी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण कर उन्हें विभिन्न कौशलों से सुसज्जित करना है। शिक्षकों को अर्जित ज्ञान को कक्षा -कक्ष तक ले जाने की आवश्यकता है।
एस.सी.ई.आर.टी. के प्रवक्ता डॉ उमेश चमोला ने कहा कि कौशलम कार्यक्रम में सिखाई जाने वाली उद्यमशील मानसिकता हमारे निजी जीवन के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को निराशा से डटकर सामना करना, अपनी रुचि को जानना और उन्हें निखारना, नया करने का साहस करना आदि उद्यमशील मानसिकता के फलस्वरूप ही सीखे जा सकते हैं। डॉ चमोला ने कहा कि इस पाठ्यचर्या में उद्यमियों की कहानी के माध्यम से छात्रों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
एस.सी.ई.आर.टी. प्रवक्ता डॉ अखिलेश डोभाल ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों को अपने माइंड सेट को विकसित करने की आवश्यकता है। अपने आसपास के संसाधनों का उपयोग करने व नई- नई चीजों के अनुभव को आजमाने का साहस व आत्मविश्वास विकसित करना, अपनी रूचि के अनुरूप कार्य क्षमता को बढ़ाना आदि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
डाइट प्रवक्ता गोपाल सिंह गैड़ा ने कहा कि 21वीं सदी के मूल्यों को आत्मसात करते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 21वीं सदी के कौशलम् के अनुरूप कार्य करने की मानसिकता को विकसित करने की आवश्यकता है। श्री गैड़ा ने कहा कि विद्यार्थियों को परिवेश की समस्या समझकर सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ दीपा जलाल ने कहा कि कौशलम कार्यक्रम के अंतर्गत साहसिक खेल ,पर्यटन जैविक खेती आदि नवाचार और उद्यमिता के अवसरों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। डां जलाल ने कहा कि कौशलम् के अंतर्गत छात्रों व शिक्षकों में सकारात्मक दृष्टिकोण को विकसित करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर अशोक बनकोटी, डॉ हेम चंद्र जोशी, डॉ बी .सी. पांडे, विनोद राठौर, सुंदर कुंवर, प्रकाश चंद्र भट्ट आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर दीपा जलाल द्वारा किया गया।