जापानी भी पढ़ेंगे उत्तराखंड के इस साहित्यकार की कहानियां |Dr Umesh Chamola|SCERT Uttarakhand

उत्तराखंड के साहित्यकार डॉ उमेश चमोला की उपलब्धियों में एक और कड़ी जुड़ गई है।उनकी अंग्रेजी में लिखित पुस्तक का अनुवाद जापानी भाषा में हो रहा है यह पुस्तक जापान के बच्चों को पढ़ाई जाएगी।

Dr Umesh Chamola SCERT Uttarakhand
डॉ. उमेश चमोला

उत्तराखंड के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. उमेश चमोला की अंग्रेजी में लिखी पुस्तक Chick Chick and Blowing Wind अब जापान के बच्चों द्वारा  भी पढ़ी जाएगी। डॉ चमोला की यह पुस्तक  बाल कहानियों की पुस्तक है, जिसमें जीव जंतुओं , मनुष्य और प्रकृति के आपसी रिश्तों , जीव-जंतु और पौधों के संरक्षण के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित रखने तथा मूल्यपरक शिक्षा पर आधारित बाल कहानियां शामिल हैं।जापानी भाषा में इस पुस्तक का अनुवाद जापान की शिक्षाविद और साहित्यकार नातुसूकी इसिदा (Natusuki Isida) द्वारा किया गया है।

Chik chik and blowing wind Dr Umesh Chamola SCERT Uttarakhand

बांग्ला में भी हो चुका है अनुवाद

मूल रूप से अंग्रेजी में लिखित डॉ उमेश चमोला की इस पुस्तक का अनुवाद बांग्ला भाषा मे भी हो चुका है । बांग्ला में यह अनुवाद राजीव गांधी राष्ट्रीय भू जल प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान रायपुर छत्तीसगढ़ में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ कमलेश मंडल द्वारा किया गया  है।यह भी पढ़ें सर्जन हरीकृष्ण वैष्णव : गढ़वाल की दिवंगत विभूतियाँ

डॉ. चमोला की सृजन यात्रा

इससे पहले भी इनकी विज्ञान कथाओं का पंजाबी भाषा में अनुवाद हो चुका है ।डॉ उमेश चमोला का उपन्यास ‘निर्बिजू’ श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देहरादून के स्नातकोत्तर तथा उत्तराखंड की लोककथाएं स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में पढ़ाई रही हैं । डॉ. चमोला की उत्तराखंड की लोककथाओं पर आधारित तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं | ऑनलाइन पत्रिकाओं में भी उनकी लोककथाएं और विज्ञान कथाएं प्रकाशित हो चुकी हैं । लिओ टालस्टाय की कहानियों का गढ़वाली अनुवाद छै फुटै जमीन उनकी एक चर्चित पुस्तक है । उनकी हिन्दी, गढ़वाली और अंगरेजी में विज्ञान कथा, विज्ञान कविता, विज्ञान पहेली , बाल कविता , बाल कहानी, खंडकाव्य, व्यंग्य कविता आदि से सम्बंधित 22 पुस्तकें छप चुकी हैं ।यह भी पढ़ें गिरीश तिवारी गिर्दा | लोक के स्वर की अनुगूँज

 डॉ. चमोला एस. सी.ई. आर. टी उत्तराखंड में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं । वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत राज्यस्तरीय पाठ्यचर्या के चेयर पर्सन के रूप में भी योगदान दे रहे हैं । डॉ. चमोला राष्ट्रीय स्तर के  शैक्षिक कार्यक्रमों में सन्दर्भदाता के रूप में कार्य कर चुके हैं । राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय पत्र – पत्रिकाओं ने उनके कई शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं । शिक्षक प्रशिक्षण साहित्य एवं पाठयपुस्तक लेखन में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

3 thoughts on “जापानी भी पढ़ेंगे उत्तराखंड के इस साहित्यकार की कहानियां |Dr Umesh Chamola|SCERT Uttarakhand”

  1. कहानी की कुछ झलक तो दिखाइये.

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  2. बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दोस्त. ये बहुत ही बड़ी उपलब्धि और गौरवान्वित करने वाली ख़बर है 🌺🌺🎉

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  3. डॉ चमोला की यह रचना उत्तराखंड राज्य के साथ साथ भारतवर्ष हेतु भी एक उपलब्धि है। चमोला जी को हृदय की गहराइयों से साधुवाद। 🙏

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