देहरादून के दून पुस्तकालय सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में आज बंगाणी भाषा के संरक्षण और बंगाणी साहित्य के विकास पर मंथन किया गया।
बंगाण औणी बंगाणी समूह द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत में अपनी बात रखते हुए आयोजक मंडल के सदस्य सुरक्षा रावत ने बताया कि बंगाण क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी सुरेंद्र सिंह रावत ‘ सुराह’ के जन्मदिवस पर प्रतिवर्ष 26 फरवरी को यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है । सुरेंद्र सिंह रावत सुराह को बंगाणी भाषा का प्रथम लेखक माना जाता है क्योंकि जौनसार बंगाण क्षेत्र के इष्टदेव महासू महाराज की आरती को लिखने और प्रकाशित करवाने का श्रेय उनको जाता है।
बंगाणी भाषा में प्रकाशित पत्रिका इजाज का लोकार्पण भी कार्यक्रम के दौरान किया गया पत्रिका के बारे में बताते हुए इसके संपादक आर पी विशाल ने बताया कि समूह की वार्षिक पत्रिका का यह दूसरा अंक है। बंगाणी भाषा को बढ़ावा देने और बंगाणी साहित्य को उचित मंच प्रदान करने के उद्देश्य से प्रकाशित इस पत्रिका नाम ‘इजाज’ रखा गया है, इसका तात्पर्य ‘ आजकल ‘ से है।
इस अवसर पर बंगाणी भाषा के ऑनलाइन शब्दकोश बंगाणी जन शब्दकोश का भी लोकार्पण किया गया। शब्दकोश के संयोजक शुबा सुभाष रावत ने बताया कि कई लोगों के योगदान से निर्मित इस शब्दकोश में बंगाणी भाषा के शब्दों के हिन्दी अर्थ, वाक्य प्रयोग तथा संबंधित चित्रों को शामिल किया गया है। इस शब्दकोश को देखने के लिए लिंक बंगाणी शब्दकोश पर क्लिक करें।
इस अवसर पर चित्रकार जगमोहन बंगाणी को वर्ष 2023 का सुराह सम्मान दिए जाने की भी घोषणा की गई। उन्हें यह सम्मान उनकी कला, बंगाण क्षेत्र की सेवा तथा उत्तराखंड के युवाओं को कला के क्षेत्र में मार्गदर्शन देने के लिए दिया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में मोहन चौहान तथा सुनीता मोहन के द्वारा प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन किया गया जिसमें बंगाणी भाषा और उसके विकास के संदर्भ में पूछे गए प्रश्नों का ज़बाब बंगाण औणी बंगाणी समूह के सदस्यों द्वारा दिए गए।
इस अवसर पर लेखक एवं पत्रकार गणेश खुगसाल गणी, दर्द गढ़वाली, मदन डुकलान प्रदीप बहुगुणा दर्पण, कल्पना बहुगुणा, राधा, बाबी,बलबीर सिंह रावत, इंद्रेश नौटियाल, विजय भट्ट, प्रेम आदि उपस्थित थे।
बहुत सुंदर रिपोर्टिंग।
आभार।
Thank you very much