लापरवाही कहें या संवेदनहीनता, धारा 27 के तहत बीमार शिक्षकों के स्थानांतरण आवेदन अभी तक ठंडे बस्ते में…

जहां एक ओर गंभीर रूप से बीमार और विषम परिस्थितियों से जूझ रहे शिक्षक धारा 27 के अंतर्गत अपने तबादले की बाट जो रहे हैं, वहीं विभागीय संवेदनहीनता और लेटलतीफी उनकी उम्मीदों पर पानी फेरती नजर आ रही है । स्थानांतरण एक्ट की धारा 27 के अंतर्गत किए गए पंद्रह सौ के लगभग स्थानांतरण आवेदन पत्रों पर अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। जिसके कारण विभाग द्वारा शासन को इन शिक्षकों के तबादलों संबंधी कोई भी प्रस्ताव प्रेषित नहीं किया जा सका है। एससीईआरटी उत्तराखंड की राजकीय शिक्षक संघ की शाखा इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर अंकित जोशी द्वारा महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा के संज्ञान में यह मामला लाए जाने के बाद महानिदेशालय द्वारा निदेशक विद्यालयी शिक्षा को इस मामले में अग्रिम कार्यवाही करने के लिए कहा गया है।

DG education directed to take decision on transfers under article 27

प्रदेश में लागू किए गए स्थानांतरण एक्ट में विभिन्न श्रेणियों में कार्मिकों के तबादलों का प्रावधान है किंतु विशेष परिस्थिति अथवा गंभीर रूप से बीमार होने वाले ऐसे कार्मिक जो एक्ट के मुताबिक सामान्य श्रेणी के किसी तबादले के दावेदार नहीं होते हैं उनके लिए एक्ट की धारा 27 के अंतर्गत स्थानांतरण हेतु आवेदन का प्रावधान है। शिक्षा विभाग में भी यह व्यवस्था लागू है। गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों से इस धारा के अंतर्गत वर्ष 2022- 23 के लिए स्थानांतरण हेतु आवेदन मंगाए गए थे जिसके प्रत्युत्तर में 1500 से अधिक शिक्षकों द्वारा आवेदन किए गए थे यह सभी शिक्षक कई माह बीतने के बाद भी स्थानांतरण की उम्मीद लगाए बैठे हैं किंतु उन्हें क्या पता कि उनके आवेदनों की अभी तक स्क्रीनिंग भी नहीं हो पाई है इसे संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही कहें या संवेदनहीनता । खैर जो भी कहे इसका खामियाजा स्थानांतरण के पात्र शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।

अंकित जोशी के पत्र के बाद फिर से चर्चा में आया मामला

एससीईआरटी उत्तराखंड की शाखा इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर अंकित जोशी के संज्ञान में जब कुछ शिक्षकों द्वारा यह मामला लाया गया तो उनके द्वारा महानिदेशक विद्यालय शिक्षा को पत्र लिखकर इस मामले में कार्यवाही करने की मांग की गई। महानिदेशक द्वारा तत्काल प्रकरण का संज्ञान लेते हुए शिक्षकों के आवेदन पत्रों के आधार पर स्थानांतरण हेतु शासन को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

अभी तक नहीं हो पाई आवेदनपत्रों की स्क्रीनिंग

विद्यालय शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के अनुसार अभी तक स्थानांतरण के संबंध में आए प्रस्तावों की स्क्रीनिंग ही नहीं हो पाई है। डॉक्टर अंकित जोशी के अनुसार शिक्षकों के जायज मुद्दों पर इसी तरह अनिर्णय की स्थिति होने के कारण समय पर स्थानांतरण, पदोन्नतियां व शिक्षक हित के अधिकांश काम नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने पहले भी आरोप लगाए हैं कि विभाग द्वारा कई मुद्दों पर शासन को स्पष्ट जानकारी न देकर, उचित समय पर सही निर्णय न लेने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। जिससे अधिकांश प्रकरण न्यायालय में वादों के रूप में सामने आ रहे हैं। इस प्रकार की कार्यशैली के चलते एल टी से प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य पदों पर होने वाली पदोन्नतियां भी नहीं हो पा रही हैं।

1 thought on “लापरवाही कहें या संवेदनहीनता, धारा 27 के तहत बीमार शिक्षकों के स्थानांतरण आवेदन अभी तक ठंडे बस्ते में…”

  1. Mein 2005 se Almora ke sult block m durgam ke school m posted hu,har saal transfer form fill kerta hu lekin invalid transfer ho jaate hain lekin mera transfer aaj tak nahi hua hai.main isko bhrastachaar samjhu ya department ko galat thehrau ya state government ki bhrastachari samjhu jo anivarya transfer bhi nahi kerti.plain m posted teachers first appointment se hi hain and main pehli nitukti se hi durgam m posted hu aaj tak number nahi aaya.
    Shrimaan Pandyan ji aaye jinhone anivarya transfer kiya,yadi pandyan ji rehte to mera no. 10 saal pehle hi aajata.

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