आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड प्रदेश के बच्चों को विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत आपदा प्रबंधन का पाठ पढ़ाने के लिए एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा विशेष कवायद की जा रही है। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल और निदेशक माध्यमिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विषय पर कक्षा 10 के छात्रों हेतु पाठ्यपुस्तक विकास कार्यशाला का शुभारंभ आज अजीम प्रेमजी फाउंडेशन सभागार तरला आमवाला देहरादून में हुआ।
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल ने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील प्रदेश के पाठ्यक्रम में इस महत्वपूर्ण विषय को प्रमुख स्थान देने के लिए चरणबद्ध रूप से पाठ्य पुस्तकों का विकास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में कक्षा 9 हेतु आपदा प्रबंधन पर पाठ्य पुस्तक का विकास किया जा चुका है जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। कक्षा 10 हेतु पाठ्यपुस्तक विकास कार्यशाला आज प्रारंभ हो गई है। पुस्तक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में स्थानीयता, भारतीय ज्ञान प्रणाली और मूल्य आधारित शिक्षा को ध्यान में रखते हुए जाति, लिंग, भाषा आदि के भेद से रहित सामग्री को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए संयुक्त निदेशक एससीईआरटी आशा रानी पैन्यूली ने पुस्तक लेखन के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए विषय विशेषज्ञों का आह्वान किया कि पुस्तक में समाहित पाठ्य सामग्री छात्रों के मानसिक स्तर के अनुरूप होनी चाहिए। पाठों का प्रस्तुतीकरण सरल और रोचक तरीके से किया जाना चाहिए।
सहायक निदेशक डा. के. एन. बिजल्वाण ने अपनी बात रखते हुए पाठ्य पुस्तक लेखन के सिद्धांतों पर विस्तृत चर्चा की उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2023 के मार्गदर्शक सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए गतिविधियों, चर्चाओं आदि को शामिल करते हुए इस प्रकार के पाठ सृजित किए जाएं कि छात्र ज्ञान का निर्माण स्वयं कर सकें।
कार्यशाला के समन्वयक डॉ. एस पी सेमल्टी तथा सोहन सिंह नेगी द्वारा पुस्तक में समाहित किए जाने वाले पाठों तथा पाठ्य सामग्री का विस्तृत रूप से प्रस्तुतीकरण दिया
एससीईआरटी के संकाय सदस्य डॉ. दिनेश प्रसाद रतूड़ी ने प्रश्नों तथा गतिविधियों के विभिन्न प्रकारों की जानकारी देते हुए कहा कि पाठ विकास और मूल्यांकन हेतु कौशल आधारित गतिविधियों और प्रश्नों को प्रत्येक पाठ में शामिल किया जाना है।
पुस्तक लेखन कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों के रूप में डा. अवनीश उनियाल, प्रदीप बहुगुणा, गिरीश सुंदरियाल, अरुण थपलियाल,डॉ. दिनेश रतूड़ी,सुनील भट्ट, सुरेंद्र आर्यन ,डॉ राकेश गैरोला, डॉ. बुद्धि प्रसाद भट्ट,अखिलेश डोभाल, रवि दर्शन तोपाल, रमेश प्रसाद बडोनी, डा. सुशील राणा,रजनी रावत,सीमा शर्मा,देवेश जोशी, डा.आलोक प्रभा पांडे,गोपाल घुगत्याल, कंचन रावत के साथ-साथ चित्रकार अवनीश सिंह ,संजय रावत और हेमलता बिष्ट के द्वारा प्रतिभाग किया जावरा है। सोहन रावत, राजकुमार और सिद्धार्थ द्वारा तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है।